हाथ में फरसा, हरियाणवी भाषा, चेहरे पर गजब का रौब और सीधी बात नो बकवास… ये है परिचय हरियाणा आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता नवीन जयहिंद का। नवीन जयहिंद ये वो नाम है, जो आज किसी पहचान का मोहताज नहीं है। नवीन जयहिंद अपने बयान को लेकर अकसर चर्चा में बने रहते हैं और अपने विपक्षी नेताओं के अकसर वे निशाने पर रहते है। आज के द बायोग्राफी में हम नवीन जयहिंद की जिंदगी से जुड़े हर पहलू के बारे में जानेंगे और ये भी जानेंगे कि नवीन जयहिंद का राजनीति में आगाज कैसे हुआ और अब तक वे अपने राजनीतिक और समााजिक जीवन में क्या कुछ कर चुके हैं। अभी वो सलाखों के पीछे हैं क्यों पहुंचे वह भी बताएंगे….अभी हाल ही में नवीन जयहिंद चर्चा में तब आए, जब उन्हें रोहतक की पुलिस ने गिरफ्तार किया था। बता दें कि नवीन जयहिंद पर रोहतक पीजीआई में अधिकारियों संग मारपीट करने का आरोप लगा है। कर्मचारियों से हाथापाई और मारपीट का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। मारपीट, दंगा करने और एक सरकारी कर्मचारी को आधिकारिक ड्यूटी करने से रोकने सहित अन्य आरोपों में मामला दर्ज किया गया है।…बचपन से क्रांतिकारी रहे नवीन जयहिंद, नवीन जयहिन्द का जन्म 1 जून 1981 को रोहतक जिले के भैंसरु कलां के एक सामान्य परिवार में हुआ। नवीन जयहिंद बचपन से ही शहीदे-आजम भगत सिह, असफाखउल्ला खान, चन्द्रशेखर आजाद और नेता जी सुभाष चन्द्र बोस के जीवन से अत्यधिक प्रभावित रहे और क्रांतिकारियो के विचारो से ही प्रभावित होकर उन्होंने अपने नाम के पीछे जयहिंद लगा लिया और ये संदेश दिया कि जात- पात से पहले मेरा देश है।…नवीन जयहिंद के पास है डॉक्टरेट की डिग्री,नवीन जयहिंद के शैक्षणिक योग्यता की बात करें तो, उनके पास फिलॉसफी में डॉक्टरेट की डिग्री है। नवीन जयहिंद ने जर्नेलिज्म किया है, उनके पास योगा में भी डिप्लोमा की डिग्री है। राजनीति के साथ- साथ नवीन जयहिन्द की खेलो में भी बहुत रूचि रही। जयहिन्द ने नेशनल लेवल पर कई बार यूनिवर्सिटी के प्रतिनिधि के रूप में भाग लिया….10वीं कक्षा में किया पहला आंदोलन, नवीन जयहिन्द ने अपनी जिंदगी का पहला आंदोलन 10वीं कक्षा में किया था। तो वहीं साल 2006 से लेकर 2007 रोहतक के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में जयहिन्द मोर्चे का गठन करवाया और छात्र राजनीति की शुरुआत की। नवीन जयहिंद ने एनसीसी और एनएसएस की तर्ज पर ब्लड डोनेशन कैंप लगवाए और तकरीबन 10 हजार यूनिट से ज्यादा ब्लड इकठ्ठा करवाया। जिसे कि रेड क्रोस के माध्यम से विभिन्न मेडिकल अस्पतालों को मुहैया करवाया। सिर्फ इतना ही नहीं, नवीन जयहिंद ने हरियाणा विश्वविद्यालय में रक्त दान पत्र के साथ एडमिशन में एक्स्ट्रा वेटेज के लिए पॉलिसी बनवाने में मुख्य भूमिका निभाई और महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक में जयहिन्द मोर्चा आज भी सक्रिय है…नवीन जयहिंद ने 2007 में राजनीति में रखा कदम,नवीन जयहिंद ने राजनीतिक करियर का आगाज साल 2007 में किया था। बता दें कि नवीन जयहिंद अरविंद केजरीवाल से प्रभावित थे। क्योंकि केजरीवाल ने दिल्ली में भ्रष्टाचार के विरुद्ध जो युद्ध छेड़ रखा था, उससे नवीन जयहिंद प्रभावित हुए। नवीन जयहिन्द ने सम्पूर्ण भारत में आरटीआई के क्षेत्र और ‘स्वराज अभियान’ में साल 2007 से अरविन्द केजरीवाल के साथ काम किया। नवीन जयहिंद ये कहा करते थे कि सरकार में बहुप्रचलित भ्रष्टाचार के कारण प्रकिया में पारदर्शिता की कमी है। जिसके चलते नवीन जयहिंद ने छात्र राजनीति छोड़ वे आप के साथ जुड़े…अन्ना हजारे के आंदोलन से भी जुड़े नवीन जयहिंद, 5 अप्रैल 2011 को समाजसेवी अन्ना हजारे के सानिध्य में हुए जनलोकपाल आन्दोलन में नवीन जयहिंद शामिल हुए। अन्ना आन्दोलन की 20 सदस्यीय कमेटी का हिस्सा भी बने। इसके बाद नवीन जयहिंद अन्ना हजारे और अरविन्द केजरीवाल के साथ तिहाड़ जेल में भी बंद रहे। यही कारण था कि अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी को बनाने की घोषणा की थी, तब उन्होंने नवीन जयहिंद को भी पार्टी मे शामिल किया था और सक्रिय राजनीति में कदम रखने का मौका भी दिया। अरविन्द केजरीवाल ने 26 नवम्बर 2012 को आम आदमी पार्टी की स्थापना की और नवीन जयहिन्द आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य बने थे….नवीन जयहिंद ने पुलिस की लाठियां भी खाई,आप नेता नवीन जयहिंद आंदोलन में हमेशा से आगे रहे। नवीन जयहिंद क्रांतिकारी आंदोलनो में हमेशा नजर आते थे। देश की बेटी निर्भया के साथ बलात्कार जैसे घिनौने जुर्म के खिलाफ सख्त कानून की आवाज उठाने पर पुलिस की लाठिया खाने की बात हो या फिर सड़क पर भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष करने की बात हो, नवीन जयहिन्द हमेशा से ही आगे रहे…जब आम आदमी पार्टी ने बनाया हरियाणा प्रदेश का अध्यक्ष, नवीन जयहिन्द के कामो से प्रभावित होकर आम आदमी पार्टी के द्वारा हरियाणा प्रदेश का अध्यक्ष नियुक्त किया। नियुक्ति के बाद नवीन जयहिन्द ने ‘मेरी जाति हिन्दुस्तानी’ नाम की मुहिम को चलाया। तपती गर्मी में हरियाणा के हरेक जिले में ‘मेरी जाति हिन्दुस्तानी’ मुहिम को लेकर गए। सिर्फ इनता नहीं जनता के मुद्दों को भी जोर शोर से उठाया। सडक से लेकर हरियाणा विधानसभा चंडीगढ़ में घेराव किया। हजारों कार्यकर्ताओ के साथ पंजाब में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में प्रचार किया। बड़ी बात तो ये है कि हरियाणा मे आम आदमी पार्टी का एक भी विधायक नहीं है लेकिन इन सबके बावजूद नवीन जयहिंद ने आप के लिए एक सक्रिय नेता की भूमिका निभाई है…फरसे से नवीन जयहिंद ने बनाई अलग पहचान, वैसे तो नवीन जयहिंद ने अपने जीवन मे कई बड़े काम किए। लेकिन मीडिया की नजर में वे तब आए, जब नवीन जयहिंद पीठ पर फरसा लेकर आप का प्रचार करते नजर आए। नवीन जयहिंद अपनी पीठ पर फरसे को ऐसे लेकर घूमते थे, जैसे कि म्यान में तलवार को लेकर घूमा जाता है। अपने इस अनोखे अंदाज से नवीन जयहिंद मशहूर तो हुए ही, साथ ही वे चुनाव आयोग के निशाने पर भी आए थे।…जब नवीन जयहिंद ने खेला ब्राह्मण कार्ड, नवीन जयहिंद वैसे तो अपने आप को क्रांतिकारी बताते थे और नाम के पीछे जयहिंद लगाकर खुद को जातपात से अलग रखते थे। लेकिन एक वक्त ऐसा भी था, जब नवीन जयहिंद ने चुनाव के लिए ब्राह्मण कार्ड खेला था। हरियाणा विधानसभा चुनाव के समय नवीन जयहिंद ने नाम के आगे पंडित लगाया और पीठ पर फरसा लेकर भी घूमने लगे और खुद को भगवान परशुराम का भक्त भी बताते थे। क्योंकि नवीन जयहिंद ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में ब्राह्मण जात को भुनाने के लिए खुद को ब्राह्मण चेहरे के तोर पर पेश किया था और आप के जो 48 प्रत्याषी मैदान मे थे, उनके लिए चुनाव प्रचार किया करते थे…नवीन जयहिंद ने अपने दम पर बनाया था मुकाम, नवीन जयहिंद ने आम आदमी पार्टी की कमान साल 2014 में संभाली थी। पार्टी को अपने बल पर हरियाणा में न केवल स्थापित किया, बल्कि कई ज्वलंत मुद्दे उठाकर आम आदमी पार्टी को विपक्षी राजनीतिक दल के रूप में पहचान भी दिलाई।
हालांकि पार्टी को राजनीतिक रूप से कोई बड़ी उपलब्धी तो हासिल नहीं हुई। लेकिन गायों के लिए खूटा गाड़ अभियान, किसान- जवान बेरोजगारी आदि मुद्दे उठाए जाने के बाद आम आदमी पार्टी हरियाणा में स्थापित हुई थी…पत्नि से तलाक का मुद्दा भी रहा विवादों में…बात फरवरी साल 2020 की है, जब नवीन जयहिंद का पत्नि के साथ तलाक का मुददा भी विवादो में रहा। बता दें कि दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालिवाल उनकी पत्नि थी, जिसके साथ किन्ही निजी कारणों से तलाक हो गया था। तो वहीं तलाक के बाद नवीन जयहिंद ने सार्वजनिक जीवन से ब्रेक तो लिया ही, साथ ही उन्होंने राजनीतिक जीवन से भी कुछ समय के लिए दूरी बना ली थी। जानकारी जो सामने आई थी, उसके मुताबिक पत्नी स्वाति मालीवाल से तलाक के बाद नवीन जयहिंद मानसिक रूप से परेशान थे, जिसके चलते नवीन जयहिंद ने पार्टी कार्यकर्ताओं और अन्य करीबियों से दूरी बना ली थी…कावड़ यात्रा को लेकर हुआ था विवाद, नवीन जयहिंद ने साल 2018 में नशे के खिलाफ भाईचारा कावड़ यात्रा निकाली थी। यह यात्रा रोहतक से हरिद्वार के लिए निकाली गई थी, जिसमें युवाओं ने भाग लिया था। यात्रा के समापन पर शिव मंदिर में जलाभिषेक करने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी रोहतक पहुंचे थे। इस यात्रा के दौरान पानीपत पुलिस ने गाड़ियों की जांच की थी। पुलिस ने इस संदेह पर तलाशी ली थी कि गाड़ियों में हथियार हो सकते हैं लेकिन पुलिस को ऐसा कुछ नहीं मिला था। गाड़ियों की जांच के बाद पुलिस ने आम आदमी पार्टी के कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया था। इन लोगों को नवीन जयहिंद ने छुड़वा लिया था। इस दौरान जयहिंद और पुलिस के बीच खासा विवाद हुआ था। इसके बाद पुलिस ने दावा किया कि कावड़ यात्रा के काफिले में शामिल गाड़ी का नंबर फर्जी है.…जब हरियाणा सरकार को नवीन जयहिंद ने दी थी चेतावनी, नवीन जयहिंद अपने बयानो को लेकर अकसर सुर्खियों में रहत हैं। उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेस के दौरान सरकार को फरसा व सोटा दिखाते हुए चेतावनी दी थी कि अगर सरकार ने पहरावर की गॉड ब्राह्मण संस्था की जमीन की तरफ आंख उठा कर भी देखा तो, वही धरती में गाड़ देंगे । बता दें ये रोहतक मंे पहरावर की जमीन से जुड़ा मुददा था, जिसमें नवीन जयहिंद ने इस तरह से चेतावनी दी थी….राजनीति से उब गया नवीन जयहिंद का मन,बात इसी साल के अप्रैल महीने की है। जब नवीन जयहिंद ने कैथल में एक कार्यक्रम के दौरान खुद को पार्टी से अलग करते हुए कहा था कि उनका ऐसी राजनीति से मन भर गया है। उन्होंने ये भी कहा था कि राजनीति मेरे बस की नहीं है। वह खुद राजनीति के लिए अनफिट हैं। जब फिट हो जाएंगे तो किसी न किसी पार्टी को ज्वाइन कर लेंगे। अभी वह प्रदेश भर में बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर लड़ाई लड़ रहे हैं। नवीन जयहिंद ने कहा कि वह अब किसी भी पार्टी में नहीं है। आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता भी उनके पास नहीं है। उन्होंने कहा कि वह अब हर प्रकार की राजनीति से दूर हैं।