शहर के गुरूनानक पुरा मौहल्ला में अवैध रूप से चल रहे क्लीनिक की सूचना पाकर सोमवार को सीएम फ्लाइंग की टीम ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को साथ लेकर छापा मारा। इस दौरान संचालक लाइसेंस और डिग्री नहीं दिखा पाया। जिसके स्वास्थ्य विभाग ने उसके खिलाफ केस दर्ज कर क्लीनिक को सील कर दिया। क्लीनिक संचालक ने साथ में मेडिकल स्टोर भी खोल रखा था, जिसका लाइसेंस भी उसकी पत्नी के नाम पाया गया। औषधी विभाग ने भी उसे शोकॉज नोटिस जारी किया है।

मिली जानकारी के अनुसार, हिसार स्थित सीएम फ्लाइंग के कार्यालय में गुप्त सूचना मिली थी कि फतेहाबाद के गुरूनानक पुरा में अवैध रूप से क्लीनिक चल रहा है। इस क्लीनिक के संचालक डॉ. रमेश के पास किसी प्रकार की कोई डिग्री नहीं है। सूचना पाकर सीएम फ्लाइंग की टीम ने स्वास्थ्य विभाग के एमओ डॉ. राशिद राठौड़ व उनकी टीम के साथ क्लीनिक पर छापा मार दिया।

टीम की जांच में पाया गया कि डॉ. राकेश ने अपने श्री राम क्लीनिक के साथ ही विनायक मेडिकोज के नाम से मेडिकल स्टोर खोला हुआ था। टीम के आने के समय संचालक अपने मेडिकल स्टोर में बैठा था और टीम को देखकर भाग गया। स्वास्थ्य विभाग की जांच में पाया गया है कि इस चिकित्सक के पास आरएपी, बीएएमएस या अन्य कोई डिग्री नहीं थी और वह अवैध रुप से क्लीनिक चला रहा था। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने क्लीनिक में रखे सभी प्रकार के जांच उपकरण व दवाओं को सील कर दिया है।

इस दौरान ड्रग इंस्पेक्टर डॉ. दिनेश राणा को बुलाया गया और दवाओं की जांच की गई। हालांकि यहां पर कोई प्रतिबंधित दवा नहीं मिली, लेकिन यह मेडिकल स्टोर प्रोपराइटर डॉ. राकेश के नाम से न होकर उसकी पत्नी के नाम पर मिला।

मेडिकल स्टोर संचालक ने रजिस्टर्ड फार्मेसी रूल की अवहेलना की है। प्रोपराइटर के पास लाइसेंस नहीं था, बल्कि यह लाइसेंस उसकी पत्नी के नाम है, जो नियमों की अवहेलना है। इ