बलराज कुंडू हरियाणा के रोहतक जिले के महम से निर्दलीय विधायक हैं। वे 2019 के हरियाणा विधान सभा चुनाव में एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में महम से प्रतिनिधि के रूप में हरियाणा विधान सभा के लिए चुने गए । लेकिन वे इससे पहले भारतीय जनता पार्टी यानी भाजपा के ही नेता थे। टिकट कटने की वजह से उन्होंने निर्दलीय लड़ने का फैसला किया और वह फैसला उनका कामयाब रहा और वे विधायक बन गए। उसके बाद से वह लगातार भाजपा सरकार को घेरने का काम करते आए हैं वह हमेशा किसानों की गरीबों की मजदूरों की आवाज विधानसभा में उठाते हैं। और सिर्फ आवाज ही नहीं उठाते आगे बढ़कर जरूरतमंदों की मदद भी करते हैं चाहे उनकी इलाके में फ्री बस चलाने का काम हो। खिलाड़ियों की मदद करनी हो क्या पढ़ाई से वंचित बेटियों की मदद करनी हो वह हमेशा आगे दिखाई देते हैं मंशा क्या है वह भी आपको बताएंगे।

2019 में विधानसभा चुनाव में टिकट घोषित होने से पहले महम हलके की सियासत में उठापटक शुरू हो गई थी। महम हलके से टिकट के मुख्य दावेदारों में शामिल भाजपा नेता बलराज कुंडू ने जिला परिषद के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था। कुंडू के कदम को सियासत के अंदर टिकट के दावे को और मजबूत करने के लिए उठाया गया कदम माना जा रहा था। लेकिन उनकी यह कोशिश उस टाइम धरी की धरी रह गई जब भाजपा ने उनका टिकट काट दिया और उनकी जगह शमशेर खरकड़ा को टिकट दे दिया उसके बाद से बलराज कुंडू आक्रामक हो गए और उन्होंने निर्दलीय पर्चा भर दिया। पर्चा भरने से पहले बलराज कुंडू ने महम चौबीसी के चबूतरे पर साधु संतों के साथ-साथ समर्थकों की मीटिंग बुलाई थी। पहले जहां कहा जा रहा था कि कुंडू ने यह मीटिंग केवल चौबीसी के चबूतरे पर जोत लगाने और आशीर्वाद लेने के लिए बुलाई है। लेकिन कुंडू ने ऐलान किया कि अब वे निर्दलीय चुनाव लडेंगे।

जजपा ने रोकी रखी थी टिकट, इनेलो की अभी घोषित नहीं, सियासी हलकों में चर्चा थी कि अगर भाजपा कुंडू को टिकट नहीं देती तो जजपा उनको प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतार सकती थी। हालांकि कुंडू ने इसे विरोधियों का प्रचार बताया था। उस वक्त बलराज कुंडू ने कड़े शब्दों में सभी को चेतावनी देते हुए कहा था, पार्टी की दूसरी सूची आ गई है। मैं महम हलके से निर्दलीय चुनाव लडूंगा, क्योंकि हलके की जनता से सेवा करने का वादा किया हुआ है। वीरवार को चौबीसी के चबूतरे पर आशीर्वाद लेकर नामांकन दाखिल करूंगा। और इस शंखनाद के बाद बलराज कुंडू ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी और से चुनाव जीतकर भाजपा समेत सभी विरोधियों को गलत साबित करके दिखाया था।

जब प्रोग्राम में सीएम नहीं उतरे थे रथ से, जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान महम हलके में 14 जगह सीएम का स्वागत किया गया था। सीसरखास गांव में कुंडू ने सीएम का स्वागत किया। साथ ही अच्छी खासी समर्थकों की भीड़ भी रही थी। इसके बावजूद सीएम ने रथ से ही जनसभा को संबोधित किया था। जबकि चौबीसी के चबूतरे पर शमशेर खरकड़ा ने सभा की तो सीएम मंच पर गए थे। इस घटना ने भी कुंडू समेत उनके समर्थकों को काफी आहत किया था। जिसके बाद से भाजपा बलराज कुंडू के बीच खटास पढ़नी शुरू हो चुकी थी।… मुझे हुए राजनेता की तरह लंबे समय से तैयारियों में जुटे थे कुंडू, बलराज कुंडू चाहे जिला परिषद के चेयरमैन थे, लेकिन उनका पूरा फोकस महम हलके पर था। कुंडू की एक दर्जन बसे महम से रोहतक छात्राओं के लिए चलती हैं। इसके अलावा वे सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय तौर पर भाग लेते रहे थे। इससे साफ था कि कहीं न कहीं उनको आभास था कि उनके अपने दम पर निर्दलीय मैदान में उतरना पड़ सकता है।

महम की बेटियों को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए जन सेवक मंच संयोजक एवं महम विधायक बलराज कुंडू कई सालों से लगातार प्रयासरत हैं. बलराज कुंडू ने रक्षाबंधन पर लड़कियों के कॉलेज जाने के लिए 5 नई फ्री बस चलाने का वादा किया था , जिसे पूरा करते हुए 5 नई बसों की सौगात दी. इसके पहले भी बलराज कुंडू के द्वारा 12 फ्री बसें चलााई जा रही थीं. अब 5 बसें और शुरू होने से इनकी संख्या बढ़कर 17 हो गई। सरकार से लिया था समर्थन वापस, निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने 2020 में सरकार से समर्थन वापस ले लिया था किसानों की मांगे पूरी नहीं होने की वजह से उनके समर्थन में है समर्थन वापस ले रहे हैं सरकार को जगाने का काम करेंगे। इसके बाद कहा जाता है कि आयकर अधिकारियों ने कुंडू के रोहतक और गुड़गांव स्थित कार्यालयों और आवासों पर छापेमारी की। हिसार के हांसी में उनके ससुराल, रोहतक में विधायक के दो भाइयों के घरों के अलावा हरियाणा भर में उनके करीबी सहयोगियों और रिश्तेदारों के लगभग 30 स्थानों पर भी तलाशी ली गई थी।

कुंडू और उनके भाई कई इमारतें और सड़क निर्माण कंपनियां चलाते हैं और उन्होंने केएमपी एक्सप्रेसवे के एक महत्वपूर्ण हिस्से का निर्माण भी किया था। इसके बाद भी भाजपा से रहा 36 का आंकड़ा, मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली सरकार में भ्रष्टाचार का हवाला देते हुए और पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर पर आरोप लगाते हुए, कुंडू ने पहले भी भाजपा से अपना समर्थन वापस ले लिया था। बाद में कुंडू और उनके भाई शिवराज के खिलाफ हरियाणा पुलिस ने रोहतक के एक निवासी की शिकायत पर धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के आरोप में मामला दर्ज किया था। कुंडू ने दावा किया था कि भाजपा के एक नेता और राज्य के पूर्व मंत्री के इशारे पर राजनीतिक बदले की भावना से उन्हें मामले में फंसाया जा रहा है।

जब कुंडू ने हरियाणा सरकार को भेजा लीगल नोटिस, हरियाणा सरकार की मुश्किलें बढ़ाते हुए विधायक बलराज कुंडू ने सरकारी कर्मचारियों की ओल्ड पेंशन योजना (OPS) बहाली की मांग को लेकर हरियाणा सरकार को लीगल नोटिस भेजा था। बलराज कुंड़ू ने मांग की थी कि हरियाणा सरकार NPS को विड्रॉ कर दौबारा से ओल्ड पेंशन योजना (OPS) लागू करे। उन्होंने कहा कि 35-35 साल तक अपनी सेवाएं देने वाले सरकारी कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन दी जाए नहीं तो 1 दिन के लिए भी विधायकों एवं 40 दिन सांसद रहने वाले नेताओं को भी पेंशन लेने का कोई अधिकार नहीं हो। आगे उन्होंने कहा कि सरकार अगर नोटिस से नहीं मानी तो कर्मचारियों के साथ हो रहे अन्याय को लेकर वे हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जाने के लिए भी तैयार हैं।

तमाम उतार-चढ़ाव के बीच बलराज कुंडू लगातार विधानसभा में सरकार को घेरने का काम करते रहे मुख्यमंत्री मनोहर लाल से भी सीधी टक्कर लेते दिखाई दिए। लेकिन अब उन्होंने लंबी लड़ाई लड़ने की सोच ली है जिसके लिए अब वह नई पार्टी बना रहे हैं। इसे लेकर वो 26 जनवरी को हरियाणा में पद यात्रा शुरू चुके है। जिसमें वो लोगों की राय राय ले रहे हैं गांव गांव जाकर लोगों को अपने साथ जोड़ रहे हैं और इसके तुरंत बाद नई पार्टी की घोषणा करेंगे। नारनौल के नांगल चौधरी से 26 जनवरी को शुरू होने वाली इस पद यात्रा प्रदेश के सभी हलकों से होकर चंडीगढ़ पहुंचेगी। इस दौरान बलराज कुंडू नई पार्टी गठन को लेकर लोगों से राय शुमारी कर रहे है। व्यवस्था परिवर्तन को लेकर पदयात्रा के माध्यम से आगामी विधानसभा का चुनाव लड़ने की भी रूपरेखा तैयार की जा रही है। इस तरह के संकेत बलराज कुंडू ने दादरी में प्रेस वार्ता के दौरान दिये है। बलराज कुंडू ने दादरी के रेस्ट हाऊस में प्रेस वार्ता करते हुए स्पष्ट किया कि लोग चाहेंगे तो नई पार्टी का गठन किया जाएगा। इसी मकसद से वे 26 जनवरी से अपनी पद यात्रा शुरू कर रहे है। व्यवस्था परिवर्तन के लिए होने वाली इस पदयात्रा द्वारा प्रत्येक विधानसभा में पहुंचेंगे। इस दौरान आगामी विधानसभा के चुनावों को लेकर खाका तैयार किया जाएगा। कहा कि व्यवस्था परिवर्तन चाहने वाले ही नई पार्टी के माध्यम से विधानसभा में पहुंचेंगे।

आपको बता दें कि बलराज कुंडू की पदयात्रा ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है अब कहीं ना कहीं उन पार्टियों को भी सिहरन पैदा हो गई है जो 2024 में सत्ता में बैठने के सपने देख रहे थे. अगर बलराज कुंडू अपनी नई पार्टी बना लेते हैं और 2024 के दंगल में ताल ठोक देते हैं तो उसके बाद पार्टियों के लिए मुश्किलें पैदा होंगी फिर देखना होगा कि सत्ता के सिरमोर बलराज कुंडू बनते हैं क्या उनकी पार्टी कुछ नया गुल हरियाणा में खिलाएगी या फिर वह पार्टी भी और पार्टियों की तरह ढाबे पर राजनीति में चली जाएगी। लेकिन एक बात तो तय है जिस तरह के कद्दावर नेता बलराज कुंडू है तो राजनीति में भी कुछ बड़ा जरूर करेंगे। और हो सकता है कि हरियाणा की तस्वीर और तकदीर बलराज कुंडू बदल दे।