ऐलनाबाद हल्के में समाजसेवी के तौर पर प्रसिद्ध हुए मीनू बैनीवाल राजनीतिक रणनीतिकारों में मंझे हुए खिलाड़ी माने जाते हैं, हालांकि अब तक की उनकी राजनीति पर्दे के पीछे की रही है, लेकिन ऐलनाबाद के उपचुनाव में वो खुलकर पिच पर आ गए थे और कप्तान के रुप में कप्तानी पारी खेलते नजर आए। मूल रुप से ऐलनाबाद हल्के के नाथूसरी चौपटा कस्बे से करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित तरकांवाली के मीनू बैनीवाल लंबे समय से गुड़गांव में अपना बिजनैस करते हैं। वो शराब ठेकेदार के अलावा माइनिंग व रियल स्टेट के कारोबारी में भी हाथ आजमा चुके हैं। मीनू बेनीवाल जजपा प्रमुख अजय चौटाला के करीबी हैं। और भी ऐसे बहुत सारे राज आज खोलेंगे।

ऐलनाबाद उपचुनाव के दौरान अचानक चर्चा में आए मीनू बैनीवाल को हल्के के बहुत कम लोग ही जानते थे। हालांकि पैतांलिसा धर्मशाला में 51 लाख रुपए दान देने के बाद इलाके में उनकी चर्चाए होने लगी थी, लेकिन बहुत कम लोगों ने मीनू बैनीवाल को देखा था। ऐलनाबाद उपचुनाव के दौरान जब स्थानीय लोगों ने अपनी अपनी मांगें रखी और जब उनका तुरंत ही समाधान होता गया तो लोगों को मीनू बैनीवाल से एक उम्मीद जगती गई और महज 15 से 20 दिनों में ही मीनू बैनीवाल सिर्फ इलाके की जनता के बीच ही फेमस चेहरा नही बने बल्कि पूरे हरियाणा में जाने जाने लगे। उपचुनाव के दौरान किये वादे, चुनाव होते ही निपटाए काम, ऐलनाबाद उपचुनाव में आचार संहिता के चलते जो चुनावी वादे किये थे, वो चुनाव होने के तुरंत बाद ही निपटाने का काम भी मीनू बैनीवाल ने शुरु कर दिया था। चुनाव के बाद अचानक ग्रामीण इलाकों में निकले मीनू बैनीवाल ने कामों की झड़ी लगा दी।ग्रामीण इलाकों की गलियों, सड़कों, गांवों में खाद की व्यवस्था, गौशालाओं में चंदा, खेतों के खाले, नाले, मोगे और बिजली कनेक्शनों के लिए खंबो की लाइने लगा दी।

चुनाव के बाद उतरे मीनू बैनीवाल ने अचानक इतने काम करवा दिये कि लोगों की जुबान पर निकल आया कि इतने काम भी कोई करवा सकता है क्या, हमें तो विश्वास ही नहीं हो रहा। समाजसेवी मीनू बैनीवाल के अथक प्रयासों से ही नाथूसरी चौपटा के स्वास्थ्य केंद्र की सुविधाएं निजी अस्पतालों जैसी हो गई है। यहां पर आने वाले मरीजों के लिए टेस्ट की हर सुविधआएं उपलब्ध है वहीं अस्पताल के अंदर की व्यवस्था को देखकर निजी अस्पताल से भी ज्यादा सुविधाएं नजर आती है, वहीं अब माधोसिंघाना स्वास्थ्य केंद्र के हालात धीरे धीरे बदलने लगे हैं, वहां पर मीनू बैनीवाल ने दो ट्रक सामान भिजवाए थे। गौशालाओं में फुल चंदा, ट्रैक्टर, टैम्पों भी दिये, समाजसेवी मीनू बैनीवाल ने इलाके की सभी गौशालाओं में 5 लाख से लेकर 50 लाख रुपये तक की सहयोग राशि नकद और गौशालाओं में ट्रैक्टर, शैड निर्माण, छोटे टैंपो दान दिये हैं जिससे की गौशालाओं में खेती के सामान आदि लाया जा सके।

इससे उनके समाज सेवी वाली छवि को और ज्यादा बल मिला और लोगों में उनकी पैठ और गहरी होती चली गई। ऐलनाबाद हल्के में विधानसभा उपचुनाव के बाद विकास कार्यों ने रफ्तार पकड़ ली थी। कहा जाता है की करोड़ों रुपये की कई परियोजनाओं पर मीनू बैनीवाल ने अपने अथक प्रयासों से मुहर लगवाई है। गांवों के दौरे के दौरान उन्होंने बताया कि हल्के में विकास कार्यों की कोई कमी नहीं रहेगी। उन्होंने आगे कहा कि इलाके के लोगों की जो भी मांग हैं उनको तुरंत समाधान करवाया जा रहा है। तब समाजसेवी मीनू बैनीवाल ने हल्के की डेढ़ दर्जन सड़कों को नई बनवाने की मंजूरी ली थी इसके लिए उन्होंने उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का धन्यवाद भी किया था। दरअसल ऐलनाबाद उपचुनाव से ठीक पहले समाजसेवी मीनू बैनीवाल ने अपनी रणनीति का इस्तेमाल किया। चुनाव की घोषणा हो चुकी थी, लेकिन टिकट बंटवारे को लेकर अभी पेंच फंसा हुआ था। उसी वक्त ऐलनाबाद हल्के के नाथूसरी चौपटा कस्बे के गांव तरकांवाली के मीनू बैनीवाल की इलाके में एंट्री होती है।

जिसके बाद चुनावी माहौल भी बदलता चला गया और बागड़ी बैल्ट के गांवों में अचानक मीनू बैनीवाल के जाने से माहोल बदला। ऐसे वक्त में मीनू बैनीवाल की पूरे हल्के में एक्टिविटी रंग ला रही थी। जब दिग्विजय चौटाला बेनीवाल को कह दिया था बहरूपिया, ऐलनाबाद क्षेत्र में समाजसेवी कैप्टन मीनू बेनीवाल के एक्टिव होने की चर्चा पर बात करते हुए दिग्विजय चौटाला ने कहा था कि चुनाव लड़ना हर किसी का अधिकार है लेकिन जेजेपी के साथ उनका कोई संबंध नहीं है। अजय चौटाला के साथी रहे मीनू बेनीवाल पर बात करते हुए दिग्विजय ने कहा कि अजय चौटाला के साथ बहुत से लोग जुड़े है। इससे कुछ नहीं होता हमारी पार्टी से संगठन से इस तरह के बहरूपिया का कोई संबंध नहीं है।

जबकि माना जाता है कि मीनू बेनीवाल की भाजपा-जजपा गठबंधन करवाने में अहम भूमिका है। लिहाजा, मीनू बेनीवाल ने दिग्विजय चौटाला के बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मीनू बैनीवाल और अजय चौटाला पुराने मित्र है। मीनू ने बनाई है मोदी के दिल में जगह, बात Feb 2022 की है हरियाणा की सियासत में चाणक्य के तौर पर ख्याति हासिल कर चुके कप्तान मीनू बेनीवाल के बेटे अभिनव बेनीवाल उच्च शिक्षा के लिए विदेश जा रहे थे। विदेश रवानगी से पहले अभिनव ने प्रधानमंत्री मोदी से आशीर्वाद लिया। मीनू के बेटे को प्रधानमंत्री का आशीर्वाद मिलना बड़े मायने रखता है। प्रधानमंत्री का अभिनव को आशीर्वाद देना यह बताता है कि हरियाणा में बीजेपी और जेजेपी गठबंधन सरकार के बीच कोऑर्डिनेटर का काम कर रहे कप्तान मीनू बेनीवाल की काबिलियत को प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह भी अच्छी तरह अवगत हो चुके हैं और कप्तान मीनू बेनीवाल सभी बड़े नेताओं के दिल में भी जगह बना चुके हैं।

कप्तान मीनू बेनीवाल जेजेपी के दायरे से बाहर निकलकर अब बीजेपी और संघ के बड़े नेताओं के साथ प्रगाढ़ संबंध बना चुके हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी कप्तान मीनू बेनीवाल से खास लगाव रखते हैं। 40 साल का इंतजार खत्म, ऐलनाबाद मे शुरू कराए पोस्टमार्टम, ऐलनाबाद के सरकारी अस्पताल में अब पोस्टमार्टम हो सकेंगे। 40 वर्षों से लोगों की यह मांग चली आ रही थी। स्थिति यह है कि यहां के अस्पताल में मोर्चरी के लिए भवन भी था, लेकिन इसे शुरू नहीं किया जा सका। ऐसे में बिल्डिंग भी जर्जर हो गई थी। मीनू बेनीवाल के प्रयासों से न केवल बिल्डिंग की मरम्मत हुई है बल्कि इसमें तमाम तरह का सामान भी उपलब्ध करवाया जा चुका है।

सामाजिक कार्य के लिए जब राज्यपाल ने किया सम्मानित,। सिरसा जिले के ऐलनाबाद हल्के में उत्कृष्ट सामाजिक कार्य करने पर टीम मीनू बेनीवाल को 2022 में सम्मानित किया गया था । कार्यक्रम में महामहिम प्रो. गणेशी लाल, राज्यपाल ओड़िसा, स्थानीय निकाय मंत्री कमल गुप्ता ने सम्मानित किया। उन्होंने बताया कि कप्तान मीनू बैनीवाल ने हल्के के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर कोरोना काल व इसके बाद दवाईयां, बेड और उच्च स्तर की जांच मशीनें उपलब्ध करवाई थी। आदमपुर के उपचुनाव में भी कप्तान का अहम योगदान माना जा रहा है, राजनीतिक पंडितों के मुताबिक मीनू बेनीवाल की अचानक आदमपुर में एंट्री के बाद माहौल बदलना शुरू हो गया था। एक तरफ जाट बहुल इलाकों में कांग्रेस पूरी तरह से हावी हो चुकी थी। ज्यादातर गांवों में कांग्रेस ने अपने पक्ष में एकतरफा माहौल की मानसिकता वोटरों के दिमाग में फिट कर दी थी लेकिन मीनू बेनिवाल की काली गाड़ियों के काफिले ने माहौल को पलट दिया ।

बालसमंद गांव की ढाणियों से कप्तान मीनू बेनिवाल की एंट्री देखते ही देखते हलके के 30 से ज्यादा गांवों में भाजपा गठबंधन के प्रत्याशी भव्य बिश्नोई के लिए संजीवनी का काम कर गई। ऐलनाबाद के उपचुनाव में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले खास रणनीतिकार मीनू बेनिवाल ने आदमपुर के हर गांव में अपनी खास पहचान बनाई और लोगों के तुरंत काम भी करवाए। खास बात ये है कि एक अनुशासित, समर्पित और विश्वसनीय सिपाही की तरह उन्होंने पार्टी की लक्ष्मण रेखा के दायरे में काम करते हुए निश्चित रूप से अपने राजनीतिक कौशल से अभी तक सभी को प्रभावित किया है। खास बात ये है कि राजनीति में रहते हुए समाजसेवा में भी उनका कोई सानी नहीं है। गांव-गांव में शिक्षा की अलख जगाने का काम किया। पुस्तकालय खोले, गौसेवा का सही मायने में पाठ पढ़ाया।

दिल खोलकर दान किया। अब देखना होगा कि समाज सेवा से कब वे राजनीति में सक्रिय तौर पर आएंगे या फिर यूं ही पर्दे के पीछे रहकर किंगमेकर बने रहेंगे क्योंकि समाज सेवा की आखरी मंजिल यह सत्ता की कुर्सी ही होती है। लेकिन मीनू बेनीवाल के दिमाग में क्या चल रहा है वह ना तो जजपा और ना ही भाजपा के समझ में आ पा रहा है। अब देखना होगा काली स्कार्पियो वाला मनमौजी बिजनेसमैन राजनीति में कहां तक पैठ बना पाता है।