भिवानी जिले के बड़ेसरा गांव में हुए बलजीत और चाचा भलेराम की हत्याकांड के मामले में, उम्रकैद की सजा देने के लिए सत्र न्यायाधीश रजनी यादव की अदालत ने मुख्य अभियुक्त बबलू समेत परिवार के 18 लोगों को दोषी करार दिया है। इसके साथ ही, अन्य दोषियों को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई है जिनमें पवन उफर् भोलू, कपूर, वजीर, जगवंत, बलवान, प्रमोद उफर् मोनी, पवन, रवींद्र, सबीर, अजीत उफर् जीता, कर्मवीर, आनंद उफर् बबलू का भाई लेहणा, सोनू, नरेश, सुधीर शामिल हैं।
बलजीत ने 2017 में गांव की सरपंच सुदेश के खिलाफ आरटीआई दाखिल की थी, जिसमें सुदेश की दसवीं की माकर्शीट फर्जी पाई गई थी, जिससे रंजिश बढ़ गई थी। इसके बाद, उसके परिवार के कई सदस्यों की हत्याएँ हुईं, जिसमें 2017 में बलजीत, भलेराम, और ताऊ महेंद्र की हत्या भी शामिल है। इसके बाद, 2019 में पूर्व सरपंच पवन की भी हत्या हुई थी, और 2020 में बलजीत के ताऊ की घर के सामने भी हत्या हो गई थी। इसके अलावा भी कई और हत्याएँ हुईं थीं, जिसमें मास्टर अजीत उफर् बालिया घायल हुए थे।