झज्जर विधानसभा से लगातार जीत की हैट्रिक मारने वाली विधायक है गीता भुक्कल। हुड्डा सरकार में शिक्षा मंत्री भी रहे और अपने तीखे कड़क तेवरों से विधानसभा में सत्ता पक्ष की बखिया उधेड़ने में भी काफी आगे रहती है। चाहे बात करें सत्तापक्ष की मंत्री कविता जैन को विधानसभा में रुलाने की या फिर मुख्यमंत्री मनोहर लाल को घेरने की। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने वाली कांग्रेस की सशक्त नेत्री है गीता भुक्कल। उन्होंने हुड्डा सरकार में शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, सामाजिक न्याय और अधिकारिता, अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्गों के कल्याण, औद्योगिक प्रशिक्षण और मुद्रण व स्टेशनरी के कैबिनेट मंत्री के रूप हरियाणा मंत्रिमंडल में काम संभाला है। कलायत से शुरू हुआ उनका राजनीतिक सफर झज्जर पर जा रुका है। आज उनके जीवन से जुड़ी छोटी-बड़ी हर बात आपको बताएंगे। हरियाणा के राजनीतिक परिदृश्य में वो कहां स्टैंड करते हैं वो भी आपको बताएंगे।

श्रीमती गीता भुक्कल का जन्म 16 अगस्त 1968 को हरियाणा के झज्जर जिले के मटनहेल गांव में हुआ है। उनके पिता का नाम रतन सिंह पुनिया है। मैडम भुक्कल ने पंजाब विश्वविद्यालय , चंडीगढ़ से बीए पूरा करने के बाद , डीएवी प्रबंधन कॉलेज, चंडीगढ़ से पर्सनल मैनेजमेंट और औद्योगिक संबंधों में स्नातकोत्तर डिप्लोमा यानी पोस्ट ग्रेजुएट किया । भुक्कल ने दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक की डिग्री भी पूरी की और महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय , रोहतक से शिक्षा में स्नातक की उपाधि प्राप्त की और उसके बाद उन्होंने राजनीति विज्ञान में एमए किया। कैसे शुरू हुआ राजनीतिक कैरियर,, भुक्कल 2005 में पहली बार कलायत विधानसभा क्षेत्र से विधान सभा के सदस्य के रूप में चुनी गईं। उन्होंने 37 वर्षों में पहली बार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लिए यह सीट जीती थी ।

2009 के विधानसभा चुनावों से पहले परिसीमन के बाद, उन्होंने 2009 में झज्जर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा , 28,000 से अधिक मतों के अंतर से चुनाव जीता। फिर विधायक बने। उन्होंने झज्जर विधानसभा क्षेत्र से 2014 के विधानसभा चुनाव में 26,000 से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की। और वह चुनाव जीतने वाली पहली शिक्षा मंत्री भी बनीं, जिसने एक तरह का रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने झज्जर विधानसभा क्षेत्र से 2019 का विधानसभा चुनाव 15,000 से अधिक मतों के अंतर से जीता, झज्जर से पहली विधायक बनीं जिन्होंने लगातार तीन बार सीट जीती और झज्जर विधानसभा क्षेत्र में अपनी जीत की हैट्रिक बनाई। 2005 के बाद से लगातार चौथी बार जीतकर राज्य विधानसभा चुनावों में जीत की एक नजीर भी पेश की। अब शायद आपकी रोचकता गीता भुक्कल में और बढ़ गई होगी अब उनके व्यक्तिगत जीवन के बारे में भी आप जानना चाहते होगे, तो सुनीए, भुक्कल की शादी डॉ. डीएस भुक्कल से हुई है और उनके 3 बच्चे हैं। उन्होंने हरियाणा कांग्रेस में विभिन्न पदों पर भी काम किया। उनके द्वारा संभाले गए पद है, पूर्व सदस्य, कार्यकारी समिति, हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी, पूर्व महासचिव, हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (कानूनी प्रकोष्ठ), पूर्व अध्यक्ष, हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (अनुसूचित जाति विभाग), सदस्य, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी। इसके अलावा भी बहुत सारे पद हैं जिनपर उन्होंने कांग्रेस के लिए काम किया है।

जब मुख्यमंत्री को कहा था खुद को न समझे कृष्ण और अर्जुन, , 2016 में विधायक और पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज पर निशाना साधते हुए कहा था कि प्रकाश सिंह कमेटी की रिपोर्ट को बार-बार गीता जैसे पवित्र ग्रंथ से जोड़ना गीता का अपमान है। उन्होंने कहा कि न तो सूबे के मुख्यमंत्री कृष्ण और न ही अनिल विज अर्जुन हैं, जो बार-बार प्रकाश रिपोर्ट को गीता से जोड़ रहे हैं। उन्होंने सरकार को नसीहत देते हुए कहा था कि सरकारें गीता व रामायण से नहीं चलती सरकार संविधान व कानून से चलती हैं। वहीं, उन्होंने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बीजेपी के मुख्यमंत्री और मंत्री ये याद रखें कि उनकी सरकार केवल पांच साल के लिए बनी है।
जब सिलेबस से पूर्व मुख्यमंत्रियों को हटाने पर दहाडी थी गीता, हरियाणा सरकार द्वारा पांचवीं कक्षा के सिलेबस से प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों और महाराजा अग्रसेन जैसे महापुरुषों की जीवनियों को हटाने के मामले में 2022 में विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गई थी।

वहीं महापुरुषों की जीवनियां पाठ्यक्रम में दोबारा शामिल करने की मांग की थी।

उन्होंने कहा था कि एक ओर सरकार आजादी का अमृत महोत्सव मना रही है तो वहीं दूसरी ओर स्कूलों के पाठ्यक्रम से महापुरुषों की जीवनी को हटा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को अपनी गलती को सुधारते हुए फिर से महापुरुषों की जीवनी को पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए। जब भुक्कल ने- हुड्डा को प्रदेश की कमान देने की थी वकालत, 2021 में हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी बढ़ती जा रही थी। तब गीता भुक्कल ने कहा था कि प्रदेश कांग्रेस की कमान पूरी तरह पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को दी जानी चाहिए। हुड्डा दस साल में प्रदेश को नम्बर वन पर लेकर गए थे, आज लोग उनको याद कर रहे हैं। उनके कद को देखते हुए ये जिम्मेवारी उन्हें सौंपनी चाहिए। संगठन न बनने की वजह से हम अपने आपको असहाय महसूस करते हैं। जब दिया भारत जोड़ो यात्रा से।
’भाजपा टूट रही वाला बड़ा बयान, दिसंबर 2022 में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान गीता भुक्कल ने कहा था कि राहुल गांधी द्वारा निकाली जा रही भारत जोड़ो यात्रा से भारत जुड़ रहा है और भाजपा टूट रही है। इसी से हतोत्साहित होकर भाजपा जजपा गठबंधन गलत बयान बाजी कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा की सफलता से भाजपा सरकार बौखला गई है और अनर्गल बयानबाजी कर लोगों को बरगलाने का काम किया जा रहा है। जबकि भारत जोड़ो यात्रा से कांग्रेस का ग्राफ लगातार बढ़ा है। जिसका सबूत हिमाचल में कांग्रेस की सरकार का बनना है।

जैसा हमने पहले जिक्र किया कि उन्होंने विपक्ष में रहते हुए भी सरकार की मंत्री कविता जैन को विधानसभा में रुला दिया था । आप उस प्रसंग को भी जानना चाहते होंगे, तो सुनिए बात कुछ यूं है कि सितंबर 2017 में विधानसभा सत्र चल रहा था वहां पर गीता भुक्कल के कटाक्ष से आहत मंत्री कविता जैन सदन में रो पड़ीं, इस वाकय के दौरान सदन की कार्रवाई महिला डिप्टी स्पीकर संतोष यादव चला रही थीं। यह मामला इतना बढ़ा गया कि सत्तापक्ष के विधायकों के तीखे तेवर के बाद महिला कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास किया गया था। महिला एवं बाल विकास मंत्री कविता जैन ने विधायक गीता भुक्कल के कटाक्ष को निजी और बेहद गंभीर मानते हुए उनसे माफी मांगने की बात कही थी। लेकिन भुक्कल अपना बयान वापस नहीं लेने पर अड़ी रहीं। दरअसल सदन में बजट पर चर्चा के दौरान गीता भुक्कल ने महिलाओं के सम्मान समारोह नहीं होने पर मंत्री कविता जैन पर फाइलों में उनके पति का दखल होने की बात कही थी। इसके बाद ही कविता जैन के आंसू निकल पड़े और सदन में दोनों के बीच जमकर भिड़ंत हुई थी। भाजपा विधायकों ने भारी हंगामे व शोरगुल के बीच भुक्कल के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास कर दिया था। भाजपा विधायकों ने भारी हंगामे व शोरगुल के बीच भुक्कल के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास कर दिया था।

तो यह थी गीता भुक्कल की अभी तक की राजनीतिक जर्नी यानी सफर। जो एक सशक्त कद्दावर कांग्रेसी नेत्री है जिन्होंने एक बार राजनीति की सीढ़ी पर पांव रखा तो फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। अच्छी वक्ता होने के साथ अपने शब्दों के पैनेपन से सरकार को भी पानी पीने पर मजबूर कर देती है। ऐसी शख्सियत के धनी है पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल।