ममता कुलकर्णी जिन्होंने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जारी महाकुंभ 2025 में अपना पिंडदान किया था, संन्यास अपनाया था और फिर किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनाई गई थी अब एक बड़ी जानकारी सामने आई है। बॉलीवुड एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर पद से हटा दिया गया है और उनके साथ ही लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी पर भी गाज गिरी है। क्योकि उनको भी आचार्य महामंडलेश्वर के पद से हटा दिया गया है। दोनों को अखाड़े से भी निष्कासित कर दिया गया है और ये कार्रवाई किन्नर अखाड़े के संस्थापक अजय दास ने की है।

किन्नर अखाड़े के संस्थापक ने किया ऐलान

किन्नर अखाड़े के संस्थापक अजय दास ने खुद ये ऐलान किया कि अब नए सिरे से किन्नर अखाड़े का पुनर्गठन किया जाएगा और साथ ही नए आचार्य महामंडलेश्वर का ऐलान अखाड़े द्वारा किया जाएगा। बता दें कि बॉलीवुड एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाए जाने के बाद से ही विवाद खड़े हो गए थे और सवाल भी उठाए जाने लगे थे। सोशल मीडिया पर लोग ये पूछ रहे थे कि एक स्त्री को इस अखाड़े का महामंडलेश्वर कैसे बनाया जा सकता है जबकि ये तो किन्नर अखाड़ा है।

महाकुंभ में ममता कुलकर्णी ने किया था अपना पिंड दान

बता दें कि अभी कुछ दिन पहले ही ममता कुलकर्णी ने महाकुंभ में अपना पिंडदान किया था और संन्यास अपनाया था। इसके बाद किन्नर अखाड़े द्वारा भव्य पट्टाभिषेक कार्यक्रम कर उन्हें किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया गया था। उनका नया नाम श्री यामाई ममता नंद गिरी रखा गया था। जिसके बाद से वो 7 दिनों तक महाकुंभ में रहीं लेकिन तबसे ही इसको लेकर विवाद जारी था कि एक स्त्री को किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर क्यों बनाया गया।

क्यों ममता कुलकर्णी ने किन्नर अखाड़े को चुना था?

जब ममता कुलकर्णी से ये पूछा गया था कि उन्होंने किन्नर अखाड़ा ही क्यों चुना था, तो इस पर उन्होंने कहा था कि लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने उनकी 23 साल की तपस्या को समझा था। उनकी परीक्षा ली गई, जिसमें वो उत्तीर्ण साबित हुई थी। उन्हें महामंडलेश्वर बनने का न्यौता मिला था। उन्होंने ये भी कहा था कि वो बॉलीवुड में वापस नहीं जाएंगी। अब वो सनातन धर्म का प्रचार करेंगी। लेकिन अब तस्वीर बदल चुकी है और ममता कुलकर्णी अब किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर नहीं है।