हरियाणा सरकार और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के दावे उस वक्त खोखले साबित हो गए जब पानीपत के सिविल अस्पताल में एक बच्चे को ना इलाज मिला ना एंबुलेंस मिली। मिला तो सिर्फ रेफर।

दरअसल पानीपत जिले के गांव उझा में करीब 8 वर्षीय बच्चा घर की छत से नीचे गिर गया जिसकी वजह से उसका सिर फट गया जिसको उसका पिता पानीपत के सिविल अस्पताल में इलाज करवाने के लिए पहुंचा था लेकिन सिविल अस्पताल के डॉक्टरों ने बच्चे को फर्स्ट एड तो दे दिया लेकिन इलाज के नाम पर करनाल के कल्पना चावला अस्पताल में रेफर कर दिया। अस्पताल द्वारा रेफर करने के बाद पिता ने एंबुलेंस लेनी चाही तो 1200 रुपए की डिमांड की। 1200 रुपए न होने की वजह से पिता अपने बच्चे को गोद में उठाकर चल पड़ा तो वही बच्चे के चाचा के हाथ में बच्चे को लगी ग्लूकोज थी। बच्चे की गंभीर हालत को देखते हुए पिता काफी परेशान था और कह रहा था कि उन्हें यहां इलाज मिल सकता था, लेकिन रेफर कर दिया गया। बच्चे को हाथों में उठाकर करनाल के लिए निकले। पिता को देखकर जन सेवा दल से समाज सेवक चमन गुलाटी ने तुरंत प्रभाव से एंबुलेंस मंगवाई और फ्री में करनाल के लिए बच्चे को रवाना किया।

आपको बता दें कि पानीपत का सिविल अस्पताल हरियाणा का नंबर वन अस्पताल है। पिछले दिनों पानीपत में अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंची केंद्रीय टीम ने पानीपत के सिविल अस्पताल को नंबर वन का रैंक दिया था।