विश्व हिंदू परिषद की ब्रजमंडल यात्रा के दौरान मेवात के नूंह में हुई हिंसा को अंजाम नासिर-जुनैद हत्याकांड का बदला लेने के चलते दिया गया। पुलिस द्वारा नूंह हिंसा के पकड़े गए राजस्थान के 20 आरोपियों ने इसका खुलासा किया। चार आरोपी नासिर जुनैद के गांव से वारदात में शामिल हुए थे, जो नूह में गौरक्षकों को अपना निशाना बनाना चाहते थे। हरियाणा पुलिस ने इन आरोपियों को पकड़ने के लिए राजस्थान पुलिस का सहयोग मांगा है।

नूंह हिंसा के बाद पुलिस द्वारा पकड़े गए राजस्थान के 20 आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि नासिर और जुनैद की हत्या पर पुलिस की निष्क्रियता पर युवकों में खासा रोष था। नासिर-जुनैद की हत्या के महीनों बाद और कुछ दिनों तक छिपने के बाद, मोनू और उसके लोग हमारा मजाक उड़ा रहे थे और वे हमें सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट करके चुनौती देने के रूप में व्यवहार कर रहे थे। आरोपियों ने हत्या का बदला लेने के लिए आगजनी करने की बात कबूल की है।

उन्होंने बताया कि वे 31 जुलाई को कथित तौर पर दोनों की हत्या से जुड़े गौरक्षकों को निशाना बनाने के लिए नूंह पहुंचे और वहाँ नासिर-जुनैद के गांव घाटमिका से चार युवक भी मौजूद थे। पुलिस अब भी राजस्थान के 50 अन्य युवकों की तलाश में है, जिनमें 4 आरोपी नासिर जुनैद के पैतृक गांव घाटमिका से रहने वाले हैं। इन आरोपियों का मकसद हिंसा के दौरान हरियाणा के गौ रक्षकों को निशाना बनाना था।

सोशल मीडिया पर छिड़ी थी जंग, पुलिस अधिकारियों के अनुसार आरोपियों ने विशेष रूप से आगजनी को अंजाम देने के लिए अलग-अलग वॉट्सएप ग्रुप बनाए थे और ग्रुप के सदस्यों से दोनों की हत्या का बदला लेने के लिए कहा गया था। सोशल मीडिया पर गौरक्षकों और विभिन्न मेव समूहों के बीच युद्ध हुआ था, जिनमें दोनों एक-दूसरे को धमकियां दे रहे थे।

राजस्थान पुलिस से सहयोग मांगा गया, नूंह पुलिस के प्रवक्ता के अनुसार हरियाणा पुलिस ने राजस्थान पुलिस से सहायता मांगी है ताकि फरार आरोपियों को पकड़ सकें। राजस्थान के अधिकारियों के साथ संपर्क में है और अब तक कई आरोपियों को पकड़ने में सफलता मिली है। राजस्थान पुलिस की साइबर सेल भी आगजनी से पहले अपने क्षेत्र में शेयर किए गए वीडियो की पहचान और जांच कर रही है। नूंह पुलिस ने यूपी पुलिस से भी सहयोग मांगा है, क्योंकि कई संदिग्ध आरोपी मथुरा के पास कोसी गांव में छिपे हैं।