कंवर पाल गुर्जर 2014 से 2019 तक हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष रहे यानी के स्पीकर रहे थे। वे भारतीय जनता पार्टी से हैं और जगाधरी से 3 बार विधानसभा के लिए चुने गए है। कंवर पाल गुर्जर को 2019 में जब दोबारा भाजपा की सरकार बनी तो हरियाणा कैबिनेट में जगह मिली थी । उन्हें हरियाणा का शिक्षा, वन, पर्यटन,
गुर्जर का जन्म 8 मई 1960 को बहादुरपुर में चंदन सिंह और जगवती देवी के घर हुआ था। उन्होंने 1977 में मैट्रिक किया और फिर 1979 में मुकुंद लाल कॉलेज यमुनानगर से बीए किया , लेकिन दूसरे वर्ष में ही पढ़ाई छोड़ दी। नेता जी की शादी सुनीता गुर्जर से हुई है, जिनसे उनकी दो बेटियां और एक बेटा निश्चल चौधरी है। वे सन 2000 में विधायक चुने गए थे तब इनेलो-बीजेपी की सरकार थी। कंवर पाल गुज्जर 1990 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए, दो बार भारतीय जनता पार्टी के जिला महासचिव बने | तीन बार भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महासचिव बने। साल 2000 और 2014 में विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। गुर्जर 2019 में लगातार तीसरी बार जगाधरी से विधायक बने। उन्हें हरियाणा भाजपा के उन कुछ वरिष्ठ नेताओं में से एक माना जाता है जिन्होंने वर्ष 2019 में विधानसभा चुनाव दोबारा जीता था।
हरियाणा के शिक्षा मंत्री का सफर इतना आसान नहीं था। इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्होंने बहुत मेहनत की है बहुत संघर्ष किया है। कॉलेज टाइम में खेल के साथ-साथ राजनीति के प्रति उनका प्रेम शुरू हो गया था। कॉलेज में गुर्जर की रुचि राजनीति में हो गई। इसलिए, वह एक छात्र नेता बन गए और महाराजा कॉलेज, जगाधरी में छात्र संघ का चुनाव लड़ा। बाद उन्हें छात्र संघ का अध्यक्ष चुन लिया गया। 1990 में आरएसएस की तेजतर्रार नेता साध्वी ऋतंभरा से प्रेरित होकर कंवरपाल ने आरएसएस ज्वाइन कर ली। इस तरह वह धीरे-धीरे आरएसएस से भाजपा में आ गए। 1991 में बीजेपी से पहली बार चुनाव लड़ा लेकिन 4000 वोटों से हार गए। 1992 में उन्होंने एक बार फिर चुनाव में किस्मत आजमाई। इस बार वह फिर 520 मतों से हार गए। लेकिन फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। फिर 2000 में परदेश में भाजपा-इनेलो सरकार बनी और वे इस बार विधायक थे। इसके बाद 2009 में फिर से चुनावों के माध्यम से उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2014 में, उन्होंने 40,000 मतों से चुनाव जीतकर वापसी की और उन्हें विधानसभा स्पीकर बनने का अवसर मिला। हरियाणा के शिक्षा मंत्री की उपलब्धियां, कंवर पाल गुर्जर शिक्षा, वन, पर्यटन, संसदीय मामलों और आतिथ्य मंत्री हैं। वे कहते है की उनकी सरकार जनता को समर्पित सरकार है और हरियाणा में छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रयासरत है, उनका सरकारी स्कूलों को अविश्वसनीय रूप से सशक्त बनाना मूल उद्देश्य रहा है।
इसके अलावा उन्होंने हरियाणा पर्यटन को बड़े पैमाने विकसित करने का संकल्प लिया है। जब विपक्ष ने नोटबंदी में पुरानी करेंसी बांटने का लगाया था आरोप, बात 2017 नोट बंदी की है, जब हरियाणा विधानसभा के स्पीकर कंवर पाल सिंह गुर्जर के खिलाफ राज्य के पूर्व गृह मंत्री संपत सिंह ने शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में संपत सिंह ने कहा है कि पीएम नरेन्द्र मोदी द्वारा नोटबंदी की घोषणा के बावजूद विधानसभा स्पीकर ने हरियाणा विधानसभा के कर्मचारियों के बीच 500 और 1000 के पुराने नोट बांटने के आदेश दिये। इस मामले पर विधानसभा अध्यक्ष के सचिव सुभाष शर्मा ने बताया कि सरकार ने हरियाणा के स्वर्ण जयंती समारोह, जो कि 3 नवंबर को पंचकुला में आयोजित किया गया था, में लगभग 300 पूर्व विधायकों को सम्मानित करने के लिए 11 हजार रुपये मानदेय देने का फैसला किया था, इसके लिए विधानसभा बजट से 33 लाख 20 हजार रुपये निकाले गये थे, इसमें से 16 लाख 50 हजार रुपये बांट दिये गये, जबकि 16 लाख 72 हजार रुपये बच गये। इस बीच नोटबंदी की घोषणा हो गयी।
इस बचे पैसे को वापस खाते में जमा करने का कोई प्रावधान नहीं था, इसलिए सरकार ने महालेखाकर के ऑफिस से अनुमति लेकर इस पैसे को बांटने का फैसला किया। नोटबंदी मामले में नाकाम रहा विपक्ष तो फिर शैक्षिक योग्यता पर उठाया सवाल, 2022 में शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने कहा है कि वह प्रोफेसर या शिक्षक नहीं हैं, जो उन्हें डिग्री की आवश्यकता हो। क्योंकि नेता बनने के लिए कोई शैक्षिक योग्यता निर्धारित नहीं है। “मेरे पास अपने विभागों को चलाने और प्रशासनिक कार्य देखने की जिम्मेदारी है। उन पर यह आरोप आम आदमी पार्टी (आप) के नवीन जयहिंद ने लगाए थे। जब मदरसों में राष्ट्रगान अनिवार्य करने पर दिया था बयान, उत्तर प्रदेश के बाद, हरियाणा और मध्य प्रदेश सरकार राज्य के मदरसों में सभी छात्रों और शिक्षकों के लिए कक्षाएं शुरू करने से पहले राष्ट्रगान गाना अनिवार्य करने पर विचार कर रही थी। इस पर सहमति जताते हुए कंवर पाल गुर्जर और एमपी के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा दोनों ने मदरसे में राष्ट्रगान अनिवार्य करने के इरादे व्यक्त किए थे। जब मदरसों में राष्ट्रगान अनिवार्य करने पर दिया था बयान, उत्तर प्रदेश के बाद, हरियाणा और मध्य प्रदेश सरकार राज्य के मदरसों में सभी छात्रों और शिक्षकों के लिए कक्षाएं शुरू करने से पहले राष्ट्रगान गाना अनिवार्य करने पर विचार कर रही थी। इस पर सहमति जताते हुए कंवर पाल गुर्जर और एमपी के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा दोनों ने मदरसे में राष्ट्रगान अनिवार्य करने के इरादे व्यक्त किए थे।
जिसका राजनीतिक हलकों में विरोध भी हुआ था। इस पर मंत्री ने कहा, था ‘राज्य सरकार मदरसे से अपडेट लेगी अगर वे नहीं गा रहे थे, तो सरकार मदरसा में राष्ट्रगान अनिवार्य बना देगी।’ , “हम इस मुद्दे का जायजा लेंगे क्योंकि स्कूलों में राष्ट्रगान गाना एक अच्छी परंपरा है।” जिसका राजनीतिक हलकों में विरोध भी हुआ था। इस पर मंत्री ने कहा, था ‘राज्य सरकार मदरसे से अपडेट लेगी अगर वे नहीं गा रहे थे, तो सरकार मदरसा में राष्ट्रगान अनिवार्य बना देगी।’ , “हम इस मुद्दे का जायजा लेंगे क्योंकि स्कूलों में राष्ट्रगान गाना एक अच्छी परंपरा है।”
धुर विरोधी कांग्रेस पर किया था बड़ा हमला, कांग्रेस के समय जलती थी बस्तियां, माइनिंग माफिया द्वारा डीएसपी को कुचलने के बाद कांग्रेस के हमले का जवाब देते हुए कंवर पाल गुज्जर ने कांग्रेस के इन आरोपों को बेबुनियाद बताया था कि हरियाणा में कानून व्यवस्था ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था कांग्रेस के समय में बदतर थी, तब बस्तियां जलाई जाती थी। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में इस तरह की कोई घटना नहीं हुई।
अभय सिंह चौटाला की यात्रा पर किया था कटाक्ष, 2024 में लोकसभा और हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसको लेकर सभी राजनीतिक दलों द्वारा विभिन्न तरीके से व्यवस्था परिवर्तन के नारे के साथ यात्राएं निकाली जा रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा। उसके बाद हरियाणा में महम से विधायक बलराज कुंडू की यात्रा और अब इनेलो नेता अभय चौटाला परिवर्तन यात्रा निकाल रहे हैं। कांग्रेस हाथ से हाथ जोड़ो अभियान चला रही है। वहीं अभय चौटाला की इस यात्रा को लेकर शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा कि नेता को जनता के बीच में ही रहना चाहिए। तभी वह उसकी समस्याएं समझ सकता है। साथ ही उन्होंने विधानसभा में उनके व्यवहार पर भी कहा कि वैसे तो वह पूरी तैयारी करके आते हैं लेकिन कभी-कभी गुस्से में अच्छी बात भी खराब हो जाती है। ऐसे में उन्हें अपना व्यवहार थोड़ा नरम रखना चाहिए।