बुधवार को ट्राईसिटी की दर्जनों महिलाएं मिलकर तीज पर्व मनाया। इस उपलक्ष में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की गई, और खुशियों के इस मौके पर महिलाएं आपस में मिठाई बांटी। यह आयोजन अंजू भारद्वाज ने किया था। उन महिलाओं ने आपस में एक दूसरे को नई चूड़ियां, मेहंदी, और पैरों में अल्ता लगाए। इसका कारण यह होता है कि यह सुहाग का प्रतीक माना जाता है। इस खास मौके पर रानी गुप्ता, लीना शर्मा, उर्मिला मित्तल, राखी, इंदु ढुल, शिवानी पाल, रीटा, महक, सुमित्रा, डिंपल, ममता पुरी, और निर्मल बाजवा भी उत्साहित नजर आई। भारद्वाज ने बताया कि यह पर्व खुशियों का पर्व है और इस मौसम में सभी फसलें हरी-भरी दिखती हैं, जो एक खुशहाली की संकेत होती है। इसके साथ ही, आध्यात्मिक लोगों के लिए भी यह पर्व विशेष महत्वपूर्ण होता है।
हिंदू धर्म में एक विशेष महत्व वाला त्योहार हरतालिका तीज होता है, खासकर सुहागिनों और कुंवारी कन्याओं के लिए। यह व्रत भगवान शिव और मां पार्वती को समर्पित है और हिंदू धर्म में इसका बड़ा महत्व होता है। इस दिन भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा से बड़ी फलदायकता मिलती है। बहुत सारी महिलाएं तीज के मौके पर निर्जला व्रत रखती हैं, जो हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण भगवान भोलेनाथ की पूजा कर पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। सुहागिन महिलाएं घर में भगवान शिव, माता पार्वती और उनके परिवार की मिट्टी की मूर्तियां बनाकर मंदिर में स्थापित करती हैं और उनकी पूजा के लिए तैयारियां करती हैं। इस दिन हाथों पर मेहंदी लगाने का रिवाज होता है और रात्रि में माता गौरी की पूजा की जाती है। सुहागिन महिलाएं इस व्रत के साथ ही कुंवारी लड़कियां भी अच्छे वर प्राप्ति की कामना के साथ उपवास करती हैं।
श्रावण महीने में होने वाले त्योहार के कारण इसे हरियाली तीज भी कहा जाता है। इस दिन माना जाता है कि मां पार्वती ने शिवजी की प्राप्ति के लिए कठोर तपस्या की थी। इस दिन वृक्षों, नदियों और जल के देवता वरुण की पूजा भी की जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य अच्छे और मनचाहे वर की प्राप्ति करना होता है। तीज के त्योहार का महत्व विवाहित और अविवाहित स्त्रियों के लिए समान होता है, और इसके माध्यम से परिवार की खुशियाँ बढ़ती हैं। यह तीन व्रत (हरियाली तीज, हरतालिका तीज और कजरी तीज) पतिव्रता धर्म का महत्वपूर्ण हिस्सा है और परिवार की खुशियों का संरक्षण करता है।