बेबाक सी थी वो महिला, वो राजनीति की क्वीन थी, टिक टॉक की स्टार और अपनी बच्ची के लिए वो पूरी दुनिया थी। वो एक थी और नाम था उसका सोनाली फोगाट। जिते जी सोनाली फोगाट जितनी विवादित रही, उतनी ही विवादित रही सोनाली फोगाट की मोत। सोनाली फोगाट बेशक आज इस दुनिया में नहीं है लेकिन हम सबके साथ उनकी कई यादे हैं। उनकी अपनी ही एक हस्ती थी, जो कभी नहीं मिटेगी। आज के इस एसएनए में हम सोनाली फोगाट की जिंदगी से जुड़े पहलुओं के बारे में ही जानेंगे। हम ये भी जानेंगे कि कैसे टीवी की दुनिया से बाहर निकल सोनाली फोगाट ने राजनीति में कदम रखा और कैसे पति की मौत के बाद वो अपनी बेटी व परिवार के लिए पूरी दुनिया ही बन गई थी।
सोनाली फोगाट का जन्म 21 सितंबर सन 1979 में हरियाणा में हुआ था। फतेहाबाद जिले के भुथन गावं में उनका जन्म हुआ था। सोनाली फोगाट ने अपनी जिंदगी में कई फैसले निडर हो कर किए। वो एक बेबाक महिला थी और कुछ भी कहने के लिए निडर ही नजर आती थी। लेकिन अफसोस कि निडर सोनाली फोगाट अचानक हम सब को अलविदा कह गई। गोवा मे संदिग्ध हालातो में 22 अगस्त साल 2023 उनकी मौत हो गई थी। जिसकी जांच अभी तक चल रही है।
सुदेश से बनी थी सोनाली
बहुत कम लोग ही जानते होंगे कि सोनाली फोगाट का असली नाम सुदेश था। जी हां ठीक सुना आपने। उनका असली नाम सुदेश था। सोनाली ने फिल्मी व राजनीतिक कॅरिअर के लिए यह नाम खुद चुना था। जबकि गांव में सोनाली को देसा नाम से पुकारते हैं। खुद सोनाली फोगाट ने सोशल मीडिया पर इसका खुलासा किया था।
हरियाणा की जाटनी थी सोनाली फोगाट
जी हां सोनाली फोगाट हरियाणा की जाटनी थी, क्योकि वो एक हिंदू जाट परिवार से ताल्लुक रखती थी। उनका परिवार एक मध्यमवर्गीय परिवार था। सोनाली फोगाट के पिता भूथन शहर में एक साधारण किसान थे। उनके परिवार में पिता छोटे- मोटे चीजों की खेती करते थे और उसे बेचकर पैसा कमाते थे। उनकी मां एक गृहणी थी और उनके परिवार में उनका एक बड़ा भाई और तीन बहन थी।
ग्रैजुएट थी सोनाली फोगाट
वैसे तो सोनाली फोगाट को पढ़ाई में अधिक रूचि नहीं थी क्योकि बचपन से ही एक्टिंग और मॉडलिंग करना चाहती थी। लेकिन इन सब इच्छाओं के बावजूद उन्होंने अपनी पढ़ाई में कमी नहीं छोड़ी। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई गांव में शुरू की थी। उसके बाद उन्होंने फतेहाबाद के ही एक कॉन्वेंट स्कूल में प्राथमिक शिक्षा को संपन्न किया। फिर इसके बाद महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से उन्होंने अपनी ग्रैजएान की शिक्षा पूरी की थी।
अभिनय से सोनाली फोगाट को था प्यार
सोनाली फोगाट को बचपन से ही अभिनय और मॉडलिंग का शौक था। इसके लिए उन्होंने काफी लंबे समय तक हरियाणवी फिल्मों में जद्दोजहद भी किया था। हालांकि इसमें रोचक बात तो ये है कि 8 साल की उम्र में ही सोनाली फोगाट को अभिनय करने का मौका मिला था। दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले हरियाणवी शो के एक एंकर के रूप में उन्हें चुना गया था।
जी टीवी के शो से मिली पहचान
सोनाली फोगाट 2015 के आसपास तक अलग- अलग टीवी सीरियल में छोटे- मोटे किरदार निभाती रहीं। फिर उन्हें एक बड़ा मौका मिला जी टीवी से। साल 2016 में ज़ी टीवी पर एक मशहूर सीरियल प्रसारित हुआ। जिसका नाम ‘एक मां जो लाखों के लिए बनी अम्मा’। टीवी सीरियल में सोनाली फोगाट ने नवाब साहब की पत्नी फातिमा का किरदार निभाया था। जो कि काफी सशक्त था और सोनाली फोगाट बड़ी तेजी से प्रचलित हुई थी।
टिक टॉक और बिगबॉस ने दी असली शोहरत
सोशली फोगाट बेशक ही टीवी सीरियलस में अभिनय का दम दिखाती रहीं। लेकिन एक समय ऐसा आया, जब सोनाली फोगाट रातों रात लोगों के बीच मशहूर हुई। ये दौर था भारत में टिक टॉक के प्रचलन और बिग बॉस का। सोनाली टिक टॉक पर अलग- अलग तरह के वीडियो साझा करती रहती थी और इस वजह से सोशल मीडिया पर उनकी फैन फॉलोइंग जबरदस्त तरीके से बढ़ने लगी थी। फिर इसके बाद सोनाली फोगाट बिग बॉस में नजर आई, जिसके बाद वो सफलता की बुलंदियों पर जा बैठी।
संजय फोगाट से हुई थी सोनाली की शादी
वैसे तो सोनाली फोगाट एक अभिनेत्री के रूप में काम करना चाहती थी लेकिन मुंबई में ही मॉडलिंग में के दौरान उनकी मुलाकात भाजपा नेता संजय फोगाट से होती है। सोनाली के पति संजय फोगाट हिसार में अपना कारोबार संभालते थे। वर्ष 1996 में सोनाली की संजय से शादी हुई थी। जिनके साथ सोनाली फोगाट शादी के 7 जन्मों के बंधन में बंधीं। उनके पति एक जानेमाने नेता थे और यहां से सोनाली फोगाट की राजनीति जिंदगी की शुरूआत हो जाती है। 2016 में उनके पति संजय फोगाट की संदिग्ध हालातों में मौत हो जाती है।
पति की मौत के बाद राजनीति में आई सोनाली फोगाट
पति संजय फोगाट की मौत के बाद सोनाली फोगाट ने राजनीति में कदम रखा था। सोनाली फोगाट भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़ी और महिला मोर्चा के साथ कार्य करती है। 2019 तक सोनाली बीजेपी में महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनी रही। इसके बाद 2019 में विधानसभा के जब चुनाव हुए, तो भाजपा ने सोनाली फोगाट को चुनाव लड़ने का टिकट दिया। आदमपुर जिले से कुलदीप बिश्नोई के खिलाफ उन्हें उतारा गया था। तब उस समय कुलदीप बिश्नोई कांग्रेस की तरफ से मैदान में थे। हालांकि तब वे चुनाव तो नहीं जीती लेकिन लोगों का दिल सोनाली फोगाट ने जरूर जीता था।
विवादित रहा सोनाली का राजनीति सफर
सोनाली फोगाट का राजनीतिक सफर बेशक ही छोटा था लेकिन उतना ही विवादित भी था। वो हमेशा सुर्खियों में बने रहती थी। उनका सबसे पहला विवाद तो आम चुनाव के प्रचार के दौरान सामने आया था। जब साल 2019 में हिसार में भाषण देने को लेकर एक विवाद हुआ था। तब उन्होने हर किसी को भारत माता की जय बोलने को कहा था और ये भी कहा था कि जो भारत माता की जय नहीं बोलेगा, वो पाकिस्तानी साबित होगा। इस बयान की वजह से सोनाली फोगाट की खूब आलोचना हुई थी और आदमपुर जिले में हुए आम चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। बाद में उन्होंने इस बयान के लिए माफी मांग ली थी।
बालसंमद में थप्पड़ कांड भी रहा सुर्खियों में
सोनाली फोगाट की जिंदगी से जुड़ा अब तक का सबसे बड़ा विवाद है, जो काफी सुर्खियों में रहा था। बात साल 2020 की है। जब जून के महीने में सोनाली फोगाट ने हिसार के बालसमंद में मार्किट कमेटी के सेक्रेटरी सुल्तान सिंह की चप्पलों और थपड़ से जमकर पिटाई की थी। तब उस मामले में सोनाली फोगाट की गिरफ्तारी भी हुई थी और जल्द ही जमानत भी मिल गई थी। हिसार कोर्ट ने सोनाली फोगाट को जमानत दे दी थी।
वर्ष 2016 में बालसमंद कॉलेज के लिए प्रस्तावित जमीन को लेकर भी सोनाली फोगाट सुर्खियों में आई थीं। आरोप था कि जिन लोगों ने जमीन पर कब्जा किया हुआ था उन्हें सोनाली फोगाट अपने प्रभाव से बचा रही थीं। कब्जा करने वाले सोनाली के ममेरे भाईयों पर आरोप लगा था। वर्ष 2021 में किसान आंदोलन के समय सोनाली फोगाट ने फेसबुक पर लाइव आकर आंदोलनकारी किसानों के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया था। इसके बाद किसानों ने उनका बहिष्कार किया था। आदमपुर विधानसभा क्षेत्र में उन्होंने भाजपा की बैठक बुलाई थी, जिसका विरोध हुआ था।
उनका एक और विवाद भी है। जो कि जून 2022 का है। जीजेयू में आयोजित समारोह में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय मुख्य अतिथि थे। सोनाली फोगाट मंच पर उनके पास बैठने के लिए पहुंचीं। लेकिन वहां कुर्सी न मिलने पर सोनाली फोगाट को मंच से नीचे आना पड़ा। जिसके बाद वो कार्यक्रम ही छोड़कर चलीं गई थी और कहा था कि उन्हें नीचे बैठने के लिए कहा जा रहा था, जिस कारण वह जा रही हैं।
तो वहीं कुलदीप बिश्नोई को लेकर भी उनका एक छोटा सा विवाद है। बता दें कि कुलदीप बिश्नोई के भाजपा में शामिल होने से पहले एक कार्यक्रम में सोनाली ने शायराना अंदाज में बिश्नोई पर तंज कसा था और कहा था कि मैं हूं हरियाणा की जाट, नाम है सोनाली फौगाट, कर दूंगी सबकी खड़ी खाट
बेटी को आईपीएस बनाना चाहती थी सोनाली फोगाट
सोनाली फोगाट खुद बेशक अभिनेत्री और राजनेता रहीं। लेकिन अपनी बेटी के लिए उन्होंने एक अलग ही सपना देखा था। वो अपनी बेटी यशोधरा को आईपीएस बनाना चाहती थीं। सोनाली फोगाट की बेटी यशोधरा ने खुद कहा था कि उनकी मां का सपना था कि वो आईपीएस बने। यशोधरा ने ये भी कहा था कि मेरी मां के सपने को मैं दिनरात पढ़ाई करके पूरा करूंगी। ता दें कि सोनाली की बेटी यशोधरा फिल्हाल 11वीं कक्षा में पढ़ती है। उसे टेबल टेनिस और फुटबाल खेलना पसंद है। यशोधरा को मां की ही तरह एक्टिंग का शौक है। यशोधरा एक विज्ञापन में काम भी कर चुकी हैं। ल के अलावा यशोधरा को डांस और फाइन आर्ट्स में भी रुचि है।
सोनाली फोगाट का विधायक बनने का सपना रहा अधूरा
सोनाली फोगाट जब राजनीति में आई थीं, जब उन्होंने आगे बढ़ने की ठानी थी और अपने लिए एक बड़ा मुकाम चाहती थीं। बेशक ही वो आदमपुर के चुनाव में एक बार हार चुकी थीं लेकिन वो दोबारा से आदपुर में चुनाव लड़ने का ख्वाब देख रहीं थीं और इसके लिए वो पूरी तैयारियों में भी जुटी थीं। उनके इस सपने को झटका तब लगा जब कुलदीप बिश्नोई कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए और अपने बेटे कुलदीप बिश्नोई के लिए आदपमरु से ही दीवेदारी करने लगे थे। तब सोनाली फोगाट भाजपा से थोड़ा नाराज जरूर हुई थी। कुलदीप बिश्नोई आदपुर सीट पर चुनाव मसले को लेकर सोनाली फोगाट से मुलाकात करने भी पहुंचे थे। लेकिन सोनाली फोगाट से अपने इरादे की अटल थीं लिहाजा वो अपने फैसले पर अड़ी रहीं। लेकिन लगता है नियती को कुछ और ही मंजूर था। इससे पहले की सोनाली फोगाट अपने विधायक बनने को सपने को पूरा कर पातीं उनके निधन की खबर ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। किसी को भी यकीन ना हुआ था कि हंसते मुस्कुराते रहने वाली सोनाली अब हमारे बीच नहीं थी।