मानवाधिकार आयोग ने हरियाणा प्रदेश की जेलों में हो रही आत्महत्या की घटनाओं पर सरकार से ठोस कदम उठाने की सिफारिश की है। आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष दीप भाटिया ने मनोवैज्ञानिक चिकित्सकों की सहायता और जेल स्टाफ की जागरूकता की महत्वपूर्णता पर बल दिया है। हरियाणा प्रदेश ने आत्महत्या जैसी घटनाओं में परिवारों को आर्थिक सहायता देने का फैसला किया है, जिसे मानवाधिकार आयोग ने सराहा और इसे अन्य प्रदेशों में भी लागू करने की सिफारिश की है। इसके साथ ही, नई जेलों के निर्माण के लिए भी सिफारिश की गई है ताकि जेलों की अत्यधिक भरपूरता और दबाव कम हो सके। जेलों में चिकित्सकों की नियमितता को बढ़ावा देने के लिए भी प्रस्ताव दिया गया है और अधिक से अधिक पदों को भरने की सिफारिश भी की गई है। आयोग ने यह भी सुनिश्चित किया है कि कैदियों को उनकी मानसिक स्थिति के अनुसार मदद और सुविधाएं प्रदान की जाएं, जैसे कि व्यक्तिगत मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सा और धुले हुए कपड़े की सवारी।