इतिहास गवाह है कि महिलाओं को जब- जब आगे बढ़ने का मौका दिया गया है, तब-तब महिलाओं ने खुद को साबित करके दिखाया है। ऐसी ही एक सशक्त महिला की कहानी लेकर आए हैं आज के इस एसएनए में। उस महिला के बारे में बाते करेंगे, जिसने डंके की चोट पर अपनी जीत को तो हासिल किया ही और अब कैबिनेट मे भी उनपर जिम्मेदारी महिला एंव बाल सुरक्षा की है। बात कर रहे हैं हरियाणा सरकार में इकलौती महिला कैबिनेट मंत्री कमलेश ढांढा की। जिन्होंने महिला एंव बाल सुरक्षा की जिम्मेदारी बाखूबी निभाई है ओर सरकार में अपने काम को भी बेहतरीन तरीके से साबित करके दिखाया है।
कैबिनेट मंत्री कमलेश ढांढा का जन्म 18 अक्टूबर 1967 में हुआ था और वर्तमान समय में वे 56 वर्ष की हैं। साल 2019 में उन्होंने कैथल के कलायत से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत कर भी दिखाया। इसी का नतीजा रहा कि कमलेश ढांढा हरियाणा कैबिनेट के मंत्रिमंडल में शामिल हुई। पति भी थे हरियाणा सरकार में मंत्री, कमलेश ढांढा के पति स्वर्गीय चौधरी नर सिंह ढांडा भी हरियाणा सरकार में मंत्री थे। चौधरी देवीलाल की सरकार में चौधरी नर सिंह ढांडा भी कैबिनेट मंत्री थे। तो वहीं उन्हीं के नक्श कदम पर कमलेश ढांढा भी मंत्री हैं। वे भी हरियाणा सरकार मे मंत्री पद की कमान संभाले हुए हैं। अपने पति की ही तरह कमलेश ढांढा भी आम लोगों की समस्या समाधान पर पूरा फोकस रखती हैं।
भाजपा के भरोसे पर खरीं उतरीं थी कमलेश ढांढा,
कांग्रेस के बाद भाजपा दूसरी ऐसी पार्टी थी, जिसनें कलायत से किसी महिला प्रत्याषी पर भरोसा जताया और चुनाव लड़ने का टिकट भी दिया। बता दे कि इससे पहले कांग्रेस ने इसी कलायत सीट पर साल 2005 में गीता भुक्कल को उतारा था। तो वहीं 2005 के बाद 2019 तक यानि के 14 साल तक किसी महिला प्रत्याषी को टिकट नहीं मिला था। लेकिन फिर 2019 के चुनाव में भाजपा ने कमलेश ढांढा पर भरोसा जताया और कलायत से चुनावी मैदान में उतारा। कमलेश ढांढा ने भी उम्मीद से बढ़कर बेहतरीन प्रदर्शन किया और अपने प्रतिद्वंदी जेपी को भारी मतो से हराकर विधायक बनीं और हरियाणा कैबिनेट में जगह बनाने में कामयाब हुई।
दिग्गज नेता जेपी को दी थी पटखनी, कमलेश ढांढा ने 2019 में जब चुनाव लड़ा था, तब उनके खिलाफ प्रत्याषी थे जेपी यानि जयप्रकाश, जो कि कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में से एक थे। लेकिन फिर वही बात है कि एक नारी सब पर भारी और कमलेश ढांढा ने भाजपा व लोगों की आशाओं के मुताबिक भारी मतों से जीत दर्ज कर अपना चुनावी रूतबा दिखा ही दिया।
कलायत में पहली बार खिलाया था कमल,
कमलेश ढांढा की बदौलत कलायत हलके में पहली बार भाजपा का कमल खिला था। इससे पहले इस सीट पर इनेलो और कांग्रेस जैसी पार्टियों का दबदबा रहा है। कलायत में पहली बार 1967 में विधानसभा का चुनाव हुआ था और फिर साल 2005 तक ये सीट आरक्षित ही रही थी। फिर कांग्रेस व इनेलो का दबदबा कलायत में रहा लेकिन साल 2019 में पहली बार यहां पर कमल खिला था ओर वो भी महिला नेता कमलेश ढांढा की बदौलत! तभी तो हमने कहा था कि एक नारी सब पर भारी! कलायत में पहली बार 1967 में विधानसभा का चुनाव हुआ था और फिर साल 2005 तक ये सीट आरक्षित ही रही थी। फिर कांग्रेस व इनेलो का दबदबा कलायत में रहा लेकिन साल 2019 में पहली बार यहां पर कमल खिला था ओर वो भी महिला नेता कमलेश ढांढा की बदौलत! तभी तो हमने कहा था कि एक नारी सब पर भारी!
कलायत जिले का रखा था मान,
कमलेश ढांढा ने इस जीत से ना सिर्फ भाजपा का मान बढ़ाया था, बल्कि कलायत हलके का भी सर गर्व से उंचा किया था, इसी के साथ एक अनोखा संजोग भी इस सीट के साथ है, जिसे कमलेश ढांढा ने बनाकर रखा हुआ है। उस संजोग के बारे में आपको बता दें कि जब भी कलायत हलके से किसी महिला ने चुनाव लड़ा है, तब तब वो जिती है। फिर चाहे वो कांग्रेस की गीता भुक्कल ही क्यों ना रही हो। तो वहीं कमलेश ढांढा ने भी ऐसा ही कमाल कर इतिहास रचने का काम किया है। राजनीति में भाजपा ने कमलेश ढांढा को भरोसा जता के उतारा तो डंके की चोट पर इस महिला नेता ने जीत दर्ज कर दिखा दिया कि वो भी किसी से कम नहीं है। काम को लेकर कोताही बर्दाश्त नहीं, काम के मामले में मंत्री कमलेश ढांढा का रूतबा मंत्री अनिल विज जैसा ही है। वो भी काम को लेकर कोताही बर्दाश्त नहीं करती हैं। तभी तो वे खुद भी कई मौकों पर लापरवाह प्रशासन पर सख्त होती देखी जाती हैं। आमजन की समस्याओं को सुनने के लिए वे लोगां के बीच में जाती हैं। खुला दरबार भी लगाती हैं। लोगों से मिलती हैं और मौके पर ही समस्याओं को निपटाने का भरसक प्रयास भी करती हैं। यानि के वे वादे की बजाय, दावे के साथ काम करने में यकीन करती हैं और उनकी इसी खूबी के लोग कायल भी हैं। यानि के वे वादे की बजाय, दावे के साथ काम करने में यकीन करती हैं और उनकी इसी खूबी के लोग कायल भी हैं।
जब बहनजी कहने पर अफसर को लगाई थी फटकार,
कमलेश ढांढा अपने काम व मंत्रालय को लेकर किस कदर गंभीर हैं, इसके बारे में भी आपको बता देते हैं। बात बीते साल 2022 के दिसंबर महीने की है। जब उन्होंने बहनजी कहे जाने पर एक अफसर की जमकर फटकार लगा दी थी। दरसअल मंत्री का पद एक आरदणीय पद होता है ओर एक अफसर ने इस मर्यादा को भंग करने की कोशिश की थी। जिस पर कमलेश ढांढा ने ये कहते हुए सबक सिखाया कि बहन जी क्या होता है, मैडम बोलो। भाई के घर जन्मी बेटियां, तो कमलेश ढांढा ने बजाई थी थाली, मंत्री कमलेश ढांढा नेता के तौर पर जितनी सशक्त हैं, उतनी ही वे सामाजिक तौर पर भी मजबूत हैं। बता दें कि समाज के लोगों में बेटियों के जन्म पर जहां मायूसी छा जाती है, तो वहीं कमलेश ढांढा ने अपने भाई के घर जन्मी तीसरी बेटी के जन्म पर थाली बजाई थी। अमूमन ये रस्म बेटों के जन्म लेने पर की जाती हैं। लेकिन कमलेश ढांढा ने बेटी के जन्म लेने पर भी बुआ होने के नाते इस रस्म को निभाया। वे हमेशा ये कहती हैं कि बेटियां कभी किसी पर बोझ नहीं होती हैं ओर जब उन्हें मौका दिया जाए, तो फिर वे लड़कों से भी ज्यादा कामयाब होती हैं। वे ये भी कहती हैं कि बेटियां तो अपने मां बाप की सेवा बेटों से भी ज्यादा करती हैं।
कलायत की बेटियों को दी सौगात,
महिला नेता होने के नाते कमलेश ढांडा ने कई बेहतरीन काम किए हैं। जैसे कि आंगनबाड़ी केंद्रों की दशा व दिशा को सुधारा। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं अभियान के तहत बेटियों के लिए कई प्रोजेक्ट वे लेकर आइ। तो वहीं कलायत की बेटियों के लिए शिक्षा व्यवस्था बेहतर इस दिशा में भी उन्होंने काम किया है। श्रीकपिल मुनि राजकीय कन्या महाविद्यालय को अब स्नातक महाविद्यालय से स्नातकोत्तर महाविद्यालय करवाने की सौगात दी। इलाके की बेटियों की रुचि को देखते हुए नए शैक्षणिक सत्र वर्ष 2022- 23 से मास्टर इन कामर्स के पढ़ाई की शुरूआत करवाई। आपको बता दे कि इसी इलाके के कई स्कूलों की चारदिवारी का काम करवाया और साथ ही बच्चों के लिए शौचालय निर्माण का काम भी करवाया। जबकि इससे पहले शैक्षणिक सत्र के दौरान उन्होने 80 छात्राओं के पासपोर्ट भी बनवाएं हैं।