बीजेपी और जेजेपी.. ये दोनों हरियाणा सरकार की गाड़ी के दो पहिए हैं। जो चलते तो साथ- साथ हैं लेकिन कभी कभार ऐसा लगता है कि इस गाड़ी का एक पहिया बाहर निकलकर खुद ही आगे जाना चाहता है। बात कर रहे हैं जननायक जनता पार्टी की। जिसका खुद का जन्म इनेलो की टूट से हुआ था। इनेलो से अलग होने के बाद दुष्यंत चौटाला ने जेजेपी नाम से नई पार्टी बनाई। फिर चुनाव लड़ा और फिर किंगमेकर की भूमिका निभाते हुए हरियाणा सरकार में शामिल हो गए। तो वहीं अब डिप्टी सीएम बने दुष्यंत चौटाला की राजनीतिक महत्वाकांक्षा उछाल मारने लगी है। अब वे अपनी पार्टी को एक नई उंचाई पर ले जाना चाहते हैं और खुद भी डिप्टी सीएम से सीएम बनना चाहते हैं।…….सीएम बनने की सोचना कोई गलत बात तो नहीं है, आखिर जिंदगी में तरक्की हर किसी को पसंद है ओर दुष्यंत चौटाला की सीएम बनने की ये महात्वकांक्षा और भी ज्यादा मजबूत हो जाती है, जब खुद के घर के लोग ही मुख्यमंत्री रहे हों। दादा ओपी चौटाला जहां हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे, तो वहीं परदादा देवीलाल भी मुख्यमंत्री फिर देश के उप प्रधानमंत्री रहे, जिनका असर कंेद्र की राजनीती तक था। तो वहीं उनहीं के वंशज दुष्यंत चौटाला भी अब सीएम बनना चाहते हैं। इस सोच के पीछे कारण कई हैं।… क्या सच में सीएम बनना चाहते हैं दुष्यंत चौटाला? बता दें कि डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने राजस्थान रैली के दौरान ये कहा था कि किसान के बेटे को मुख्यमंत्री बनना चाहिए। चौटाला ने ये कहा था कि अब समय आ गया है कि सभी किसान एकजुट हों। हालांकि दुष्यंत चौटाला ने ये बात राजस्थान में चुनावों के संदर्भ में कही थी। क्योकि अगले साल राजस्थान में विधानसभा के चुनाव होने हैं और जेजेपी ने राजस्थान के लिए अपने प्रत्याषियों को उतारने का फैसला किया है। जिसके लिए अगस्त के महीने में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला जयपुर पहुंचे थे और उसी दौरान उन्हांेने कहा था कि किसान के बेटे को मुख्यमंत्री बनना चाहिए। अब भले ही उन्होंने ये बात राजस्थान के लिए कही थी लेकिन कहीं ना कहीं ये बात दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा के लिए भी कहा ही था। अब बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जाएगी ही।…मां नैना चौटाला के बयान में भी है ईशारा,डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की मां और बाढड़ा से जेजेपी विधायक नैना चौटाला का एक बयान भी इस ओर इशारा करता है कि जेजेपी अब पूर्ण रूप से सत्ता की गददी पर आसीन होना चाहती है। बता दें कि उन्होंने एक बयान में कहा था कि गठबंधन अभी तक तो ठीक चल रहा है लेकिन भविष्य में कुछ भी हो सकता है। उन्होंने कहा था कि भाजपा के साथ जजपा मिलकर सरकार चला रही है, गठबंधन को लेकर कोई संदेह नहीं है। प्रदेश की सरकार द्वारा जनहित में कार्य किया जा रहे है लेकिन भविष्य में कुछ भी हो सकता है। नैना चौटाला का बयान ये साफ इशारा है कि जेजेपी के मन में कुछ तो है…जेजेपी के साथ जाटों का वोट बैंक, डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला हरियाणा में जाट नेतृत्व का नया चेहरा हैं । दुष्यंत चौटाला सभी 36 बिरादरियों को साथ लेकर चलने की बात भी करते हैं। आपको बता दें कि हरियाणा की कुल आबादी में जाटों की संख्या 26 प्रतिशत है और जेजेपी के कुल 15 प्रतिशत वोटों में सबसे ज्यादा जाटों की ही संख्या है। जेजेपी के 10 में से 5 विधायक भी जाट बिरादी के हैं। यही कारण रहा कि जेजेपी ने जब पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा तो 90 में 10 सीटों पर जेजेपी का कब्जा रहा…2019 के विधानसभा चुनाव में JJP बनी थी किंगमेकर,जननायक जनता पार्टी के लिए ये अपने आप में ही बड़ी उपलब्धि थी कि पहली बार चुनाव में उतरी और पहली ही बार में किंगमेकर की भूमिका अदा कर डाली। आपको याद दिला दें कि 2019 में हुए विधानसभा चुनावांे के दौरान भाजपा को 40 सीटें मिली थी, कांग्रेस को 31 और जेजेपी को 10 सीटें मिली थी। जेजेपी के लिए गर्व करने वाली बात ये थी कि तब उस समय में जब बहुमत के लिए आंकड़ा फंसा था, तब भाजपा और कांग्रेस ने जेजेपी की ओर मुंह किया था और इससे भी बड़ी बात तो ये है कि दोनो ही पार्टियों ने पलकें बिछाकर जेजेपी का इंतजार किया था। जिसके बाद दुष्यंत चौटाला ने भाजपा का दामन थामा और सरकार में डिप्टी सीएम बन बैठे। तब से लेकर अब तक दुष्यंत चौटाला गर्व से भरे बैठे हैं और आगामी चुनाव के लिए वे भविष्य की ओर मुखर हैं ओर जोर शोर से तैयारी में भी लगे हैं।..…हरियाणा को दिया 75 प्रतिशत नौकरी आरक्षण का कानून ,दुष्यंत चौटाला के सीएम बनने की अवधारणा के पीछे एक बात और है। बता दें कि डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने युवाओं से जो वादा किया था, उसे पूरा भी किया। उन्होंने 75 प्रतिशत नौकरी आरक्षण की बात कही थी, जिसे सरकार में शामिल होते ही पूरा भी करवाया था। हरियाणा के निवासियों को नौकरी में 75 प्रतिशत आरक्षण देने का कानून 15 जनवरी से लागू हुआ था। बता दें कि 30 हज़ार रुपए तक के वेतन वाली नौकरी के लिए ये आरक्षण लागू हुआ था। जिसके बाद से युवाओं में दुष्यंत चौटाला के लिए पकड़ मजबूत हुई है। लिहाजा सीएम बनने का सपना देखना तो लाजिमी सी बात है।…JJP का ‘एक बूथ- एक यूथ’ अभियान, जननायक पार्टी ने जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूती देने के लिए सदस्यता अभियान चलाया था। बता दें कि पार्टी की ओर से ‘एक बूथ एक यूथ’ कार्यक्रम की शुरूआत की गई थी। जिसके जरिए ब्लॉक स्तर युवाओं को पार्टी से जोड़ने की योजना बनी थी। युवाओं को एकत्र करने के लिए जेजेपी के द्वारा अब तक कई सेमिनार भी आयोजित किए जा चुके हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव में JJP बनी थी किंगमेकर,जननायक जनता पार्टी के लिए ये अपने आप में ही बड़ी उपलब्धि थी कि पहली बार चुनाव में उतरी और पहली ही बार में किंगमेकर की भूमिका अदा कर डाली। आपको याद दिला दें कि 2019 में हुए विधानसभा चुनावांे के दौरान भाजपा को 40 सीटें मिली थी, कांग्रेस को 31 और जेजेपी को 10 सीटें मिली थी। जेजेपी के लिए गर्व करने वाली बात ये थी कि तब उस समय में जब बहुमत के लिए आंकड़ा फंसा था, तब भाजपा और कांग्रेस ने जेजेपी की ओर मुंह किया था और इससे भी बड़ी बात तो ये है कि दोनो ही पार्टियों ने पलकें बिछाकर जेजेपी का इंतजार किया था। जिसके बाद दुष्यंत चौटाला ने भाजपा का दामन थामा और सरकार में डिप्टी सीएम बन बैठे। तब से लेकर अब तक दुष्यंत चौटाला गर्व से भरे बैठे हैं और आगामी चुनाव के लिए वे भविष्य की ओर मुखर हैं ओर जोर शोर से तैयारी में भी लगे हैं।..…हरियाणा को दिया 75 प्रतिशत नौकरी आरक्षण का कानून ,दुष्यंत चौटाला के सीएम बनने की अवधारणा के पीछे एक बात और है। बता दें कि डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने युवाओं से जो वादा किया था, उसे पूरा भी किया। उन्होंने 75 प्रतिशत नौकरी आरक्षण की बात कही थी, जिसे सरकार में शामिल होते ही पूरा भी करवाया था। हरियाणा के निवासियों को नौकरी में 75 प्रतिशत आरक्षण देने का कानून 15 जनवरी से लागू हुआ था। बता दें कि 30 हज़ार रुपए तक के वेतन वाली नौकरी के लिए ये आरक्षण लागू हुआ था। जिसके बाद से युवाओं में दुष्यंत चौटाला के लिए पकड़ मजबूत हुई है। लिहाजा सीएम बनने का सपना देखना तो लाजिमी सी बात है।…JJP का ‘एक बूथ- एक यूथ’ अभियान, जननायक पार्टी ने जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूती देने के लिए सदस्यता अभियान चलाया था। बता दें कि पार्टी की ओर से ‘एक बूथ एक यूथ’ कार्यक्रम की शुरूआत की गई थी। जिसके जरिए ब्लॉक स्तर युवाओं को पार्टी से जोड़ने की योजना बनी थी। युवाओं को एकत्र करने के लिए जेजेपी के द्वारा अब तक कई सेमिनार भी आयोजित किए जा चुके हैं। हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने इसके लिए जेजेपी के युवा पदाधिकारियों को अहम दिशा- निर्देश भी दिए थे। खुद डिप्टी सीएम चौटाला ने कहा था कि संगठन मजबूती के लिए जेजेपी के युवा पदाधिकारियों का अहम रोल रहा है।