राहुल गांधी इन दिनों भारत जोडो यात्रा पर हैं। इस यात्रा से वे भारत को जोड़ने की बात करते हैं लेकिन उनकी अपनी ही कांग्रेस पार्टी गुटों में बंटी हुई है। यात्रा के दौरान कांग्रेस के नेता राहुल गांधी के साथ नजर आते हैं, तो वहीं साथ में दिखती है कांग्रेस की धड़ेबंदी। हालिया तस्वीरें हरियाणा के पानीपत से देखने को मिली। जहां मंच पर कांग्रेस के नेता तो मौजूद थे लेकिन वो भी एक दूसरे से कन्नी काटते नजर आए। किरण चौधरी जहां पूरा समय सैलजा से बात करती नजर आई, तो वहीं हुड्डा आधे से ज्यादा समय राहुल गांधी के साथ दिखे। आज के इस एसएनए में कांग्रेस की गुटबाजी के बारे में ही जानेंगे। कांग्रेस के नेता रैली में तो एक साथ जुटते हैं लेकिन उनके मन नहीं जुटते हैं। मन से ये नेता एक दूसरे से कोसों दूर नजर आते हैं। ना सिर्फ हरियाणा बल्कि देश के अन्य राज्यों में भी कांग्रेस का यही हाल है। धड़ेबंदी का ही नतीजा आज के समय मे कांग्रेस भुगत रही है। देश की सबसे पुरानी पार्टी होने के बावजूद कांग्रेस संघर्ष करती दिखती है। इसका सबसे बड़ा कारण कांग्रेस के भीतर ही बने धड़ों का होना है। धड़ेबंदी तो और दूसरी पार्टियों में भी है लेकिन कांग्रेस की तो जगजाहिर है भाई। हुड्डा पर हंसती नजर आई सैलजा, कांग्रेस के गुटबाजी की हालिया ताजा तस्वीर तो पानीपत में जनसभा के दौरान देखी गई। जब पानीपत मे भारत जोड़ो यात्रा की जनसभा के दौरान मंच पर हुडडा के लिए एक गीत बज रहा था, ‘इब हुड्डा सरकार बनावेगा’ तब कुमारी सैलजा हंसती हुई देखी गई और वे किरण चौधरी के साथ फुसफाती हुई भी देखी गई। बड़ी बात तो ये है कि मंच पर किरण चौधरी ने आधे से ज्यादा समय अपनी बेटी श्रुति चौधरी व कुमारी सैलजा से बात करके ही गुजरा। यहां भी कांग्रेस में गुटबाजी साफ तौर पर देखी गई।

किरण चौधरी ने हुड्डा गुट को दी चुनौती.कांग्रेस की गुटबाजी का रंग तो कांग्रेस नेता किरण चौधरी ने भी खूब दिखाया। जहां एक जनसभा के दौरान वो हुड्डा गुट को चुनौती देते हुए देखी गई। हरियाणा कांग्रेस की दिग्गज महिला नेता किरण चौधरी ने तेज तर्रार बयान दिया और सीधे सीधे उन्होंने कांग्रेस की गुटबाजी पर भी तंज कसा । बिना नाम लिए भूपेंद्र हुड्डा गुट पर निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस में किसी की एकतरफा नहीं चलने देंगीं, हमें साथ लेकर चलेंगे तो ही सरकार लेकर आएंगे वरना खामियाजा भुगतना पड़ेगा’’। सिर्फ इतना ही नहीं, किरण चौधरी ने तो ये तक कहा कि कोई इस मुगालते में ना रहे कि किरण चौधरी सिर्फ भिवानी तक ही सीमित है, उनके कार्यकर्ताओं की पकड़ भिवानी से भी बाहर मजबूत है। राजस्थान कांग्रेस की गुटबाजी, कांग्रेस की राजस्थान में हालत कैसी है, ये तो हर किसी को मालूम है। यहां पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच कुर्सी की लड़ाई किसी से छिपी नहीं है। राजनीति की आंच मिलते ही ये दोनों गुट उबल पड़ते हैं और फिर इसे नर्म करने के लिए कांग्रेस आलाकमान को उतरना ही पड़ता है। सिर्फ इतना ही नहीं, किरण चौधरी ने तो ये तक कहा कि कोई इस मुगालते में ना रहे कि किरण चौधरी सिर्फ भिवानी तक ही सीमित है, उनके कार्यकर्ताओं की पकड़ भिवानी से भी बाहर मजबूत है। राजस्थान कांग्रेस की गुटबाजी, कांग्रेस की राजस्थान में हालत कैसी है, ये तो हर किसी को मालूम है। यहां पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच कुर्सी की लड़ाई किसी से छिपी नहीं है। राजनीति की आंच मिलते ही ये दोनों गुट उबल पड़ते हैं और फिर इसे नर्म करने के लिए कांग्रेस आलाकमान को उतरना ही पड़ता है। मल्लिकार्जुन खरगे के अध्यक्ष बनने के बाद भी इसमें कोई बदलाव की उम्मीद कम ही है। गुटबाजी पर बोले थे कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ,कांग्रेस की गुटबाजी पर तो खुद कांग्रेस के बड़े नेता आनंद शर्मा तक बयान दे चुके है। उन्होंने कहा था कि पार्टी को पुनरुद्धार की जरूरत है, जो कि सामूहिक प्रयासों से ही संभव है। उन्होंने कहा था कि ‘कांग्रेस को ए समूह या बी समूह द्वारा पुनर्जीवित नहीं किया जा सकता है। पार्टी की गुटबाजी हमें नुक्सान पहुंचा रही है।
गुटबाजी की भेंट चढ़ी ‘भारत जोड़ो- लोकतंत्र बचाओ’ रैली, मध्य प्रदेश के सतना में कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो- लोकतंत्र बचाओ’ रैली गुटबाजी की भेंट चढ़ गई। पूर्व सांसद स्वर्गीय सुखलाल कुशवाहा की 59 वीं जयंती के उपलक्ष्य में ओबीसी सम्मेलन तथा हाथ से हाथ जोड़ो कार्यक्रम कांग्रेस पार्टी के द्वारा आयोजित किया गया था. वैसे तो इसे अजय सिंह को नीचा दिखाने के तौर पर देखा जा रहा था लेकिन यह दाव उलटा पड़ गया। जिस प्रकार से स्थानीय कांग्रेसी नेताओं ने बीटीआई के मैदान से दूरी बनाई उससे नेताओ के बीच चल रही रार एक बार फिर सरेआम हो गई। कार्यक्रम स्थल में जितनी भीड़ के हिसाब से व्यवस्था की गई थी उसकी अपेक्षा लोग पहुंचे ही नहीं। प्रयागराज मे दिखी थी कांग्रेस की गुटबाजी, बीते साल नवंबर के महीने में भी कांग्रेस की गुटबाजी खुलकर सामने आई थी। जब नगर निगम चुनाव से पहले ही कांग्रेस के नेताओं में बैनर को लेकर विवाद हुआ था। गंगापार व यमुनापार के कांग्रेस पदाधिकारियों में खूब कहासुनी हुई थी। हुआ यूं था कि कांग्रेस के पूर्वी जोन प्रांतीय अध्यक्ष अजय राय नगर निगम चुनाव के लिए तैयारी और समीक्षा बैठक करने प्रयागराज गए थे। बैठक से पहले उन्हें इलाहाबाद न्यूज रिपोर्टर्स क्लब में पत्रकार वार्ता करनी थी।गुटबाजी की भेंट चढ़ी ‘भारत जोड़ो- लोकतंत्र बचाओ’ रैली, मध्य प्रदेश के सतना में कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो- लोकतंत्र बचाओ’ रैली गुटबाजी की भेंट चढ़ गई। पूर्व सांसद स्वर्गीय सुखलाल कुशवाहा की 59 वीं जयंती के उपलक्ष्य में ओबीसी सम्मेलन तथा हाथ से हाथ जोड़ो कार्यक्रम कांग्रेस पार्टी के द्वारा आयोजित किया गया था. वैसे तो इसे अजय सिंह को नीचा दिखाने के तौर पर देखा जा रहा था लेकिन यह दाव उलटा पड़ गया। जिस प्रकार से स्थानीय कांग्रेसी नेताओं ने बीटीआई के मैदान से दूरी बनाई उससे नेताओ के बीच चल रही रार एक बार फिर सरेआम हो गई। कार्यक्रम स्थल में जितनी भीड़ के हिसाब से व्यवस्था की गई थी उसकी अपेक्षा लोग पहुंचे ही नहीं। प्रयागराज मे दिखी थी कांग्रेस की गुटबाजी, बीते साल नवंबर के महीने में भी कांग्रेस की गुटबाजी खुलकर सामने आई थी। जब नगर निगम चुनाव से पहले ही कांग्रेस के नेताओं में बैनर को लेकर विवाद हुआ था। गंगापार व यमुनापार के कांग्रेस पदाधिकारियों में खूब कहासुनी हुई थी। हुआ यूं था कि कांग्रेस के पूर्वी जोन प्रांतीय अध्यक्ष अजय राय नगर निगम चुनाव के लिए तैयारी और समीक्षा बैठक करने प्रयागराज गए थे। बैठक से पहले उन्हें इलाहाबाद न्यूज रिपोर्टर्स क्लब में पत्रकार वार्ता करनी थी। पत्रकार वार्ता में एक बैनर लगाया गया। उसमें सिर्फ अजय राय व शहर अध्यक्ष प्रदीप मिश्र, अंशुमन की फोटो लगी थी। राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, गंगापार व यमुनापार के अध्यक्षों में से किसी की फोटो बैनर में नहीं थी। न ही कांग्रेस का सिंबल था। तो ये थी कांग्रेस की कुछ चुनिंदा गुटबाजी की कहानियां लेकिन लिस्ट इससे भी ज्यादा लंबी है। गिनवाने बैठें तो भी पूरी ना हो पाए। ऐसे में ध्यान देने वाली बात राहुल गांधी के लिए है। जो कि भारत जोड़ो यात्रा से भारत को तो जोड़ने निकले हैं लेकिन वे अपनी ही कांग्रेस को जोड़ नहीं पा रहे है। कहीं ऐसा ना हो कि राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा से देश का भ्रमण करते रह जाएं और उनकी कांग्रेस कहीं और का ही भ्रमण कर जाएं।