रानी रामपाल ने बताया कि वे एशियाई खेलों की टीम में कुछ अनफिट खिलाड़ियों की शामिली की बात कर रही हैं और उनके पास खेलने का उत्साह भी है। हालांकि, उन्हें टोक्यो ओलंपिक के बाद आई चोट की वजह से टीम से बाहर रहना पड़ा था। उनके अगुआई में भारतीय महिला हॉकी टीम ने तोक्यो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करके चौथे स्थान पर पहुँचा था।

रानी ने बताया कि उन्होंने हाल ही में गुजरात में हुए राष्ट्रीय खेलों में शीर्ष स्कोरर बनने का समर्थन किया, लेकिन उन्हें यह मौका खुद को साबित करने के लिए महत्वपूर्ण नहीं था। उन्होंने कहा कि वे जानती हैं कि उनके पास प्रदर्शन, फिटनेस और सब कुछ है, लेकिन उन्हें असुरक्षा की भावना हो सकती है, जिससे कोई अन्य खिलाड़ी या कोच उनकी तरफ आए।

रानी ने यह भी बताया कि वे जानती हैं कि उन्हें एशियाई खेलों की टीम में शामिल नहीं किया गया है, लेकिन उन्हें कोच की यह फैसला स्वीकारना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि हां, वे यह कोच की पसंदीदा हैं, लेकिन हॉकी ने उन्हें जीवन में बहुत कुछ दिलाया है और वे अपने काम में विश्वास करती हैं।